सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग मरीजों से अधिक पैसा वसूलने के आरोप में बांठिया हॉस्पिटल पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. स्वास्थ्य अमला बांठिया हॉस्पिटल पर लगता है मेहरबान है. शिकायतों की झड़ी के बावजूद बड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है. अस्पलताल पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी इलाज गाइडलाइन का उल्लंघन समेत मरीजों से लाखों रुपये वसूलने का आरोप है. बावजूद इसके स्वास्थ्य अमला कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. ऐसे में अब विभाग पर मरीज के परिजन सवाल उठाने लगे हैं.

बांठिया हॉस्पिटल को बचाने की कोशिश 

मरीज के परिजनों के मुताबिक निश्चित दर से ज़्यादा की वसूली की गई है. सब कुछ का पीड़ितों के पास प्रमाण है, फिर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है. पीड़ितों का कहना है कि कलेक्टर एस भारती दासन, SP और जिला चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की गई है, लेकिन अबप तक कार्रवाई नहीं हुई है. 6 मई को शिकायत हुई थी.

10 दिनों में तीन लाख रुपये की वसूली

पीड़ितों का आरोप है कि 10 दिनों का 2,10,500 रुपये दवाई के बिल थमाए गए थे. परिजनों का आरोप है कि वेंटिलेटर में मरीज़ नहीं थे, फिर भी वेंटिलेटर का 10 दिन का बिल बनाया गया. 10 दिन ICU, 5 दिन वेंटिलेटर का 3 लाख रुपये का बिल थमाया गया. टोटल 10 दिन मरीज़ भर्ती थे, जिसमें 10 दिन वेंटिलेटर का बिल बना दिया गया, जबकि मरीज वेंटिलेटर पर नहीं थे. अस्पताल ने मरीज के परिजनों से अंधाधुंध रकम की वसूली की.

मरीज़ के परिजन अभिषेक साहू ने बताया कि 6 मई को जिला चिकित्सा अधिकारी और कलेक्टर से शिकायत की गई. इसके बावजूद आज तक कार्रवाई नहीं हुई. आज फिर से शिकायत किया हूं. वहीं एक और मरीज के परिजनों ने बताया कि मरीज़ सिर्फ़ 10 तीन हॉस्पिटल में भर्ती थे, जिसमें 10 दिन का 20,000 प्रति दिन के हिसाब से ICU का, पांच दिन वेंटिलेटर चार्ज 10 हज़ार रुपये प्रतिदिन और कंसल्टेशन PP किट चार्ज 5 हज़ार रुपया प्रतिदिन के हिसाब से लिया गया.

पीड़ितों ने बताया कि 10 दिनों का 3 लाख रुपये का बिल बनाया गया. दवाइयों का 2 लाख 10,500 रुपये अलग से बिल दिया गया, उसमें भी सभी राशि नक़द ली गई है. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से साफ़ मना कर दिया गया था.

डॉक्टर मीरा बघेल ने कहा कि दो सप्ताह के लिए हॉस्पिटल को सील कर दिया गया था. 14 अप्रैल के बाद की शिकायत होगी, तो आगे कार्रवाई की जाएगी. पहले के सभी शिकायत को आधार बनाकर हॉस्पिटल को सील किया गया था.

ग़ौरतलब है कि घनश्याम साहू जो 21 -4 -2021 हॉस्पिटल भर्ती हुए थे. इस मामले में डेढ़ लाख का चेक हॉस्पिटल द्वारा परिजनों को लौटाया गया था, जिसको आधार बनाकर हॉस्पिटल को सील किया गया था. उसके बाद दर्जनों शिकायत आई, लेकिन कार्रवाही नहीं हो रही है. इससे साफ़ है कि स्वास्थ्य विभाग मेहरबान है और हॉस्पिटल को बचाने की कोशिश की जा रही है.

read more- Corona Horror: US Administration rejects India’s plea to export vaccine’s raw material

दुनियाभर की कोरोना अपडेट देखने के लिए करें क्लिक