बिलासपुर। विधायक शैलेश पाण्डे ने विधानसभा में बिलासपुर जिले के ग्राम पेण्डारी में नसंबदी शिविर को लेकर सवाल उठाया. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उन्हें बताया कि यह शिविर 2014 में आयोजित की गई थी. इसमें 12 महिलाओं की मौत हुई थी. इसमें लापरवाही बरतने वाले कई अधिकारियों को निलंबित किया गया. मामला अभी कोर्ट में है इसलिए मौत का कारण स्पष्ट नहीं किया जा सकता. 

विधायक पाण्डे ने किया था ये सवाल 

विधायक पाण्डे ने मंत्री से पूछा कि बिलासपुर जिले के ग्राम पेन्डारी में नसबंदी शिविर कब लगाया गया था. इस शिविर में नसबंदी के बाद कितने महिलाओं की मौत हुई थी. मृतक महिलाओं की मृत्यु का क्या कारण था. शासन द्वारा जांच में क्या पाया गया और दोषियों पर क्या कार्यवाही हुई.

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अधिकारियों पर की कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जवाब दिया कि बिलासपुर जिले के ग्राम पेण्डारी में नसबंदी शिविर 8 नवंबर 2014 को लगाया गया था. शिविर में नसबंदी के बाद 12 महिलाओं की मौत हुई थी. मामले में न्यायालय बिलासपुर में विचाराधीन है. कारण स्पष्ट किया जाना संभव नहीं है.

शिविर में लापरवाही बरतने के कारण तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके भांगे, बिलासपुर जिला चिकित्सालय के एलटीटी सर्जन डॉ. आरके गप्ता को सेवा से बर्खास्त किया गया. वहीं तखतपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार तिवारी तथा परिवार कल्याण के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. केसी उरावं को निलंबित किया गया था.

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 खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा औषधि निर्माता मेसर्स महावर फार्मा, खम्हारडीह, रायपुर की औषधि लाइसेंस को निरस्त किया गया. साथ ही महावर फार्मा कंपनी के संचालक रमेश महावर एवं सुमीत महावर के खिलाफ थाना पण्डरी में एफआईआर दर्ज किया गया. फार्मा के डायरेक्टर रमेश महावर, कविता लेबोटरीज, तिफरा बिलासपुर के भागीदार राकेश खरे एवं राजेश खरे के खिलाफ बिलासपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय में परिवाद प्रस्तत किया गया है.

महावर फार्मा. को गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (जीएमपी) प्रमाण पत्र प्रदान करने वाले तत्कालीन अनुज्ञापन प्राधिकारी को निलंबित किया गया था. और उनके खिलाफ विभागीय जांच सस्थित है तथा विलंब से अभियोजन दायर करने के लिए विभाग द्वारा सहायक औषधि नियंत्रक एवं औषधि निरीक्षक को निलंबित किया गया है.