रोहित कश्यप, मुंगेली. जिले के जरहागांव स्थित गौठान में आवारा मवेशियों को ठहराने के बाद सरपंच-सचिव समेत पंचायत प्रतिनिधियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. दरअसल बिलासपुर मुंगेली मुख्य मार्ग पर जरहागांव मेन रोड सड़क एवं गांव में घूमने वाले आवारा मवेशियों के कारण कोई दुर्घटना ना हो इस लिहाज से सरपंच धीरसिंह बंजारे और पंचायत प्रतिनिधियों ने सैकड़ों की संख्या में गौठान में पिछले एक सप्ताह से रखा है. पंचायत के द्वारा इन मवेशियों के लिए चारे ,पानी और चरवाहे से लेकर रखवाली की व्यवस्था भी की गई है.

वहीं गांव में मीटिंग बुलाकर पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा आम लोगों से अपील भी की गई कि पशु मालिक अपने अपने मवेशियों को ले जाएं. आधे से ज्यादा मवेशियों को पशु मालिक लेकर तो चले गए, लेकिन दो दर्जन से अधिक मवेशी अभी भी गौठान में हैं. इन मवेशियों को कोटवार एवं आसपास के लोगों की मदद से पशुपालकों के घरों में छोड़ने की कोशिश भी की गई. मगर कहा जा रहा है कि कई पशुपालकों ने इन मवेशियों को पहचानने से ही इंकार कर दिया जिसके बाद फिर से इन्हें गौठान में रखा गया है. इनके लिए चारे पानी से लेकर रखवाली चरवाहे की व्यवस्था पंचायत के द्वारा की गई है.

वहीं चरवाहा द्वारा रोजाना इन मवेशियों से प्राप्त गोबर को बेचकर 100 से लेकर 200 रुपये तक की कमाई हो रही है. वहीं सरपंच सिंह बंजारे ने बताया कि, स्थानीय पुलिस की मदद से आवारा मवेशियों के गले में पीली पट्टी बांधकर छोड़ा जाएगा. क्योंकि इनके मालिक इन पशुओं को ले जाने नहीं आ रहे हैं. उनका कहना है कि चारे के अलावा मवेशियों की सुरक्षा गौठान में बड़ी चुनौती है.