रायपुर। सरकार और सीमेंट ट्रांसपोर्टर के बीच भाड़े में बढ़ोतरी पर कोई बात नहीं बनी. इससे सरकार, रीयल एस्टेट, मजदूरों और सीमेंट कंपनियों को करोड़ों का नुकसान होगा. काम बंद होने पर मजदूर घर लौट रहे हैं. जिस कारण सारे विकास कार्य ठप पड़ गए है.

दरअसल, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने शुक्रवार को राजधानी में ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन और सीमेंट कंपनियों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सीमेंट ट्रांसपोर्ट के भाड़े संबंधी और ट्रांसपोर्ट हड़ताल के मुद्दे पर दोनों संघ के प्रतिनिधियों से बारी-बारी से चर्चा की.

12 प्रतिशत भाड़ा बढ़ाने पर सहमत नहीं 

चर्चा के दौरान ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने डीजल के दाम में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए परिवहन भाड़े में अंततः 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी किए जाने की मांग रखी. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि शासन की मध्यस्थता के मद्देनजर यदि सीमेंट कंपनियां परिवहन भाड़े में 12 प्रतिशत वृद्धि को मान्य कर लेती हैं तो उनके द्वारा परिवहन का कार्य पूर्वत शुरू कर दिया जाएगा.

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मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि शासन की यह मंशा है कि सीमेंट का परिवहन बिना किसी व्यवधान के होता रहे ताकि आम लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो. इसको ध्यान में रखते हुए ही ट्रांसपोटर्स और सीमेंट कंपनियों के पदाधिकारियों की यह संयुक्त बैठक आहूत की गई है.

समाधान निकालने गंभीर प्रयास

उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य दोनों पक्षों के हितों का ध्यान रखना और जनसामान्य को सीमेंट की किल्लत से बचाना है. उन्होंने सीमेंट कंपनियों के पदाधिकारियों से ट्रांसपोटर्स द्वारा परिवहन भाड़े में बढ़ोतरी की मांग पर गंभीरता से विचार कर इसका तत्काल समाधान निकाले जाने की बात कही.

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इस अवसर पर राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, अतिरिक्त परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा तथा सीमेंट कंपनियों और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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