बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार, आलोचक डाॅ. गोरेलाल चंदेल का निधन हो गया है. गोरेलाल कोरोना की चपेट में आ जाने के कारण अस्वस्थ थे. करीब 67 वर्ष के डाॅ. चंदेल खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे हैं.

प्रगतिशील लेखक संघ के छत्तीसगढ राज्य अध्यक्ष मंडल के सदस्य डाॅ. चंदेल छत्तीसगढ़ी लोक जीवन मप्र लगातार काम कर रहे थे. उनकी किताब “झेंझरी” हाल ही में प्रकाशित हुई थी, जो लोक जीवन को बहुत गहराई से व्यक्त करती है. वे छत्तीसगढ हिंदी साहित्य सम्मेलन और एप्सो से भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे.

प्रलेस के अध्यक्ष लोकबाबू, महासचिव नथमल शर्मा, संगठन सचिव परमेश्वर वैष्णव ने डाॅ. चंदेल के असमय निधन पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह खास कर छत्तीसगढ साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है.

बता दें कि डाॅ. गोरेलाल चंदेल का जन्म रायगढ़ जिले के खैरागढ़ के कुसमी गांव में 1 दिसंबर सन् 1944 को हुआ था. इन्होंने अपने शोध ग्रंथ ‘छत्तीसगढ़ी ददरिया का लोकतात्विक अनुशीलन’ नामक किताब और अन्य शोधात्मक ग्रंथ लिखें हैं.

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