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रोहित कश्यप,मुंगेली। छत्तीसगढ़ में कोरोना से रोजाना 100 से अधिक मौतें हो रही हैं. इंसान तो मर रहा है, अब इंसानियत भी मर गई है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मुंगेली जिले में कोरोना से मृत महिला की लाश को चिता पर छोड़कर प्रशासनिक अमला गायब हो गया. परिजन महिला की अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करते रहे. अधिकारियों को बार-बार फोन लगाकर अंतिम संस्कार करने गुहार लगाते रहे. लेकिन कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर कई घंटों तक नहीं पहुंचा. यह प्रशासन की गंभीर लापरवाही है.
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दरअसल मुंगेली जिले के छितापुर निवासी एक महिला को गुरुवार करीब 12 बजे बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. परिजनों ने महिला को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया. अस्पताल में जैसे ही परिजनों ने उसे भर्ती करवाया, कुछ देर बाद महिला की मौत हो गई. मरने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन मृत महिला का कोरोना टेस्ट लिया. जिसमें महिला कोरोना पॉजिटिव निकली.
चिता पर लाश छोड़ गायब हुआ प्रशासनिक अमला
कोरोना से मौत होने के बाद गाइडलाइन फॉलो करना पड़ गया. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना का हवाला देते हुए गुरुवार शाम से लेकर पूरी रात मृत महिला के शव को जिला अस्पताल में ही रखा. फिर शुक्रवार की सुबह प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने महिला के शव को शव वाहन में रखा. उसके बाद शव को गृह ग्राम स्थित श्मसान घाट ले गए. वहां बने चिता पर महिला को लेटा दिया और कर्मचारी वहां से गायब हो गए.
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चिता के पास घंटों इंतजार करते रहे परिजन
लिहाजा महिला की मौत कोरोना से हुई थी. इसलिए उसका अंतिम संस्कार प्रशासिक अमले के अधिकारियों की मौजूदगी में हो होना था. अधिकारियों की गैरमौजूदगी में परिजन महिला का अंतिम संस्कार नहीं सकते. सुबह 11 बजे महिला के शव को श्मशान घाट लाया गया. वहां आए कर्मचारी शव को चिता पर छोड़कर चले गए. परिजन गांव के कोटवार से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को बार-बार फोन लगाते रहे, कि कोई तो आ जाए. करीब 2 घंटे तक परिजन शव के बाजू में बैठकर अधिकारियों का इंतजार करते रहे.
पत्रकारों को देना पड़ा दखल
घटना की जानकारी पत्रकारों को लगी. घटना स्थल पर वो भी पहुंच गए. उनके दखल के बाद करीब 1 बजे एसडीएम अमले के साथ श्मशान घाट पहुंचे. फिर प्रशासनिक औपचारिकता पूरी करते हुए आखिर में कोरोना से मृत महिला का अंतिम संस्कार करवाया. इस तरह महिला के परिजन अंतिम संस्कार की आस में श्मशान घाट में इंतजार करते रहे.
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माहौल बिगड़ता देख पहुंचे एसडीएम
परिजनों का आरोप है कि महिला के शव को छोड़कर प्रशासनिक अमला वहां से गायब हो गया. उन्हें यह कहा गया कि जब तक वे लोग नहीं आएंगे, अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता. इधर अंतिम संस्कार के इंतज़ार में घण्टों गुजर जाने के बाद परिजन नाराजगी व्यक्त करने लगे. बार-बार मृत महिला के परिजनों, अधिकारियों को फोन लगाते रहे. आखिर में माहौल बिगड़ता देख एसडीएम नवीन भगत ने आनन-फानन में तत्परता दिखाते हुए प्रशासनिक टीम के साथ पहुंचकर अंतिम संस्कार करवाया.
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