रायपुर। राज्य सरकार ने जल संसाधन विभाग के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक को गंभीर वित्तीय अनियमितता और शासकीय निधि की सुरक्षा में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है।

मामला जशपुर जिले की सुसडेगा व्यपवर्तन योजना से जुड़ा है। विभागीय अभिलेखों के परीक्षण में सामने आया कि कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक ने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करते हुए, ठेकेदार द्वारा जमा की गई अतिरिक्त सुरक्षा निधि राशि 2.93 करोड़ रुपये समय से पहले वापस कर दी। इसमें एफडीआर नंबर 1764903 और 1764904 के तहत प्रत्येक 1.46 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।

वर्तमान में इस अनुबंध के अंतर्गत कार्य की प्रगति मात्र 60 प्रतिशत है और ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्णता की ओर कोई गंभीर प्रयास नहीं किया जा रहा है। ऐसे में कार्य अपूर्ण रहने अथवा ठेकेदार द्वारा कार्य अधूरा छोड़ने की स्थिति में उक्त राशि विभाग द्वारा राजसात नहीं की जा सकेगी। समय पूर्व राशि जारी किए जाने से विभागीय हितों को क्षति पहुंची है और शासकीय निधि की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही बरती गई है जो कि वित्तीय अनियमितता एवं अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।

जल संसाधन संभाग ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत विजय जामनिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय मुख्य अभियंता, महानदी-गोदावरी कछार, रायपुर निर्धारित किया गया है। इस अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।