अभिषेक सेमर, तखतपुर। छत्तीसगढ़ में पंचायत विभाग के सचिव और रोजगार सहायकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद अब मनरेगा के अधिकारी-कर्मचारी भी हड़ताल पर उतर आए है. दरअसल सत्ता में आने से पहले कांग्रेस कमेटी ने इन संविदा कर्मचारियों को भरोसा दिलाया था कि सरकार में आने पर कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी पंचायत कर्मी और मनरेगा के अधिकारी कर्मचारियों को रेशम की डोर से मुक्ति नहीं मिली है. इन्हें नियमित नहीं किया गया.

यही वजह है कि सरकार को घेरने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में ब्लॉक लेवल पर और जिले लेवल पर अधिकारी-कर्मचारी लामबंद हो चुके हैं. अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए पेन डाउन कर धरने में बैठ गए हैं. धरने में अधिकारी-कर्मचारियों के जाने से पंचायत विभाग के कामकाज प्रभावित हुए हैं. इसके बाद भी राज्य सरकार और विभाग की ओर से बातचीत की शुरुआत अभी तक नहीं की गई है.

इस संबंध में बिलासपुर जिला पंचायत की एपीओ अनुराधा शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने हम कर्मचारियों से वादा किया था कि सत्ता में आने पर नियमित किया जाएगा, लेकिन लंबे समय बीत जाने के बावजूद भी शायद सरकार अपने वादे को भूल चुकी है. यही वजह है कि उनका ध्यान आकर्षण करने के लिए मोर्चे पर हम आ चुके हैं. सरकार की वादाखिलाफी को हम ध्यान करा रहे हैं और हमारी मांगे पूरी नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में भी यह हड़ताल अनिश्चितकालीन जारी रहेगी और बड़ा रूप लेगी. जिसका जिम्मेदार सरकार खुद होगी.