रायपुर. भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार का मामला विधानसभा में उठाया. इस दौरान उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि 1 जनवरी 2019 से 26 जून 2022 तक वित्त विभाग ने किन-किन वर्ग के कितने कितने पदों की भर्ती की स्वीकृति दी है. उसमें कितने-कितने पदों की भर्ती हो गई है.

आगे उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि, क्या 3 जनवरी 2022 के सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र में सहायक ग्रेड 3 स्टेनोग्राफर ,स्टेनो टाइपिस्ट, और डाटा एंट्री ऑपरेटर की सीधी भर्ती के लिए आवश्यक आहर्ता में नई आहर्ता जोड़ी गई है. यदि हां तो क्या और क्यों जोड़ी गई जोड़ी गई. आहर्ता के लिए 26 जून 2022 तक कब कब परीक्षा आयोजित हुई है. इसका आयोजन किसके द्वारा किया गया है. पदों पर भर्ती के लिए मंत्रालय व्यापम से भर्तियां हो रही है, उसमें अभ्यर्थियों के चयन के बाद क्या कंप्यूटर कौशल परीक्षा ली जाती है.

वहीं सरकार ने अपने लिखित उत्तर में स्वीकार किया है कि, प्रदेश में साढ़े 3 सालों में सिर्फ 18199 बेरोजगारों को नौकरी दी है. वित्त विभाग ने साढ़े 3 सालों में सिर्फ 35981 पदों की स्वीकृति जारी की है. सरकार ने उत्तर में यह भी बताया है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर , स्टेनो टाइपिस्ट, वह सहायक ग्रेड 3 के परीक्षा में मान्यता प्राप्त मंडल / संस्था अथवा छत्तीसगढ़ शीघ्रलेखन मुद्रलेखन परीक्षा परिषद से हिंदी दो अथवा अंग्रेजी मुद्रलेखन में पास का प्रमाण पत्र जोड़ा गया है. यह भी स्वीकार कर रहे हैं कि जोड़ी गई आहर्ता के लिए 26 जून 2022 तक परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया है. शीघ्र परीक्षा आयोजित करने के लिए संचालक लोक शिक्षण संचनालय को निर्देशित किया गया है.

आगे पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा है कि जब परीक्षा आयोजित नहीं हुई है तो फिर इसमें प्रमाण पत्र धारी बेरोजगार मिलेंगे कहां से और जब प्रमाण पत्र नहीं है तो भर्ती कैसे होगी. उन्होंने यह भी कहा कि एक तरफ सरकार पूरे प्रदेश में बड़े-बड़े होर्डिंग लगवा रही है. बयान दे रही है कि प्रदेश में 5 लाख बेरोजगार लोगों को रोजगार दिया है. दूसरी तरफ विधानसभा में अपने प्रश्न के उत्तर में वही बता रहे हैं कि प्रदेश में अब तक 18199 लोगों को ही नौकरी दी गई है.