गरियाबन्द. नवापारा पंचायत के 30 बच्चे एक साथ बीमार हुए है. सभी के शरीर व मुंह के भीतर हुए दाने से जलन व हल्के बुखार के लक्षण नजर आ रहे है. परिजनों ने कहा कि सरकारी आयरन सिरप पीने वाले बच्चे ही बीमार हुए है. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि जिनके सिरप के ढक्कन तक नहीं खुले उनमें भी ये लक्षण दिख रहे है.

अमलीपदर उपस्वास्थ्य केंद्र अन्तर्गत आने वाले नवापारा पंचायत व उसके आश्रित ग्राम में  गुरुवार से बच्चे बीमार पड़ना शुरू हो गए,सरपंच पति ने भगत मांझी ने बताया कि मंगलवार को शिशु सरंक्षण माह के तहत 3 साल तक के बच्चों को आयरन सिरप बांटा गया. सिरप पीने के बाद बुधवार से बच्चों  को पहले शरीर पर दाना उभरा,देखते ही देखते मुंह के भीतर भी दाना दिखने लगा.

गुरुवार शाम तक बुखार भी आना शुरू हो गया. सरपँच पति ने  नवापारा के 18 व आश्रित माहुलपारा के 6 बच्चों के नाम जबानी गिना कर बताया कि दोनों गांव में लगभग 30 बच्चे पीड़ित होंगे.

विभाग गम्भीर नहीं, प्राइवेट इलाज का नसीहत दे रहे

पीड़ित पालक विबेक वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को बच्चे को लेकर अमलीपदर अस्पताल ले कर गए थे,कुछ दवा लिख कर बाहर के मेडिकल में खरीदने बोले, प्राइवेट डॉक्टर को भी दिखाने का सलाह दे रहे है. विबेक ने दावा किया है कि जितने भी बच्चे बीमार है,सभी ने आयरन सिरप पिया है,नहीं पीने वाले स्वस्थ्य है. पीड़ित पालकों ने स्वास्थ्य विभाग पर मामले को गम्भीर नहीं लेने का आरोप लगाते हुए जल्द ही शिविर लगाने की मांग की है. क्योंकि बुधवार के बाद से मर्ज केवल बढ़ता गया है,कम नहीं हो रहा है.

सिरप नहीं कोई दूसरी वजह है,स्पेशलिस्ट ही बता सकेंगे

अमलीपदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी  डॉक्टर भावेश यादव ने कहा कि शुक्रवार से  10 लोग आये हैं, जिनकी स्थानीय स्तर पर जांच कर दवा दिया गया है. किसी में भी एलर्जिक सिमटम्स नहीं है. कुछ और ही हो सकता है,इसलिए पीड़ितों को चाइल्ड एक्सपर्ट की मदद लेने कहा गया था. बढ़ते संख्या को देखते हुए मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दिया गया है. स्थानीय टीम भी लगातार निगरानी कर रही है.

बीएमओ छुट्टी में है,इन्चार्ज अधिकारी बोले जानकारी नहीं

मामले में मैनपुर बीएमओ गजेंद्र ध्रुव ने अवकाश में होना बताया,जबकि इंचार्ज बीएमओ केडी जोगी ने मामले से अनभिज्ञता जाहिर  किया है. अब सवाल यह उठता है कि गुरुवार से तबियत बिगड़ रही है,रविवार तक प्रभावित बच्चों के आंकड़े भी बढ़ गए,बावजूद इसके मासूमो के बीमार के प्रति स्वास्थ्य विभाग गम्भीर नहीं दिखा.