सुशील सलाम,कांकेर। छत्तीसगढ़ में पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है. कांकेर जिले में बीएसएफ के जवान ने बच्ची को रक्त देकर खून का रिश्ता निभाया है. बीएसएफ जवानों ने करीब 130 किमी का सफर तय किया. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपना ब्लड देकर बच्ची की जान बचाई. अनजान लोगों को भी रक्त देकर जवान खून का रिश्ता निभा रहे हैं. सुरक्षाबलों की टीम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि चाहे परिस्थिति कितनी ही कठिन क्यों न हो, उनके लिए जन सेवा सर्वोपरि है. नक्सलियों से लोहा लेने के साथ ही क्षेत्र की जनता के हर मुसीबतों में साथ खड़े रहते हैं.

बच्ची के शरीर में मात्र 4 ग्राम था खून

दरअसल पूरा मामला कोयलीबेड़ा क्षेत्र के उदनपुर का है, जहां 12वीं कक्षा में बढ़ाई कर रही 17 वर्षीय बच्ची के शरीर में खून की कमी हो गई. जिसके चलते बच्ची को इलाज के लिए कोयलीबेड़ा सामुदायिक केंद्र में भर्ती कराया गया. इससे बाद बेहतर स्वास्थ्य के लिए जिला मुख्यालय में कोमलदेव शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां बच्ची के खून की मात्रा मात्र 4 ग्राम थी. बच्ची को खून की आश्यकता के चलते 1 यूनिट ब्लड, तो उपलब्ध हो गया, लेकिन बच्ची को और ब्लड की आवश्यकता थी. जो उपलब्ध नहीं हो पा रहा था.

130 किमी का सफर तय कर बच्ची की बचाई जान

पीड़ित बच्ची के परिजनों ने गांव में घर वालों को इसकी जानकारी दी. घर वालों ने कोयलीबेड़ा उदनपुर स्थित बीएसएफ की चौथी वाहिनी के मेजर को इसकी जानकारी दी. फिर क्या था अपने क्षेत्र की बच्ची की जान बचाने बीएसएफ कैम्प से 3 जवान करीब 130 किमी सफर कर जिला मुख्यालय पहुंचे. जहां अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट कर बच्ची की जान बचाई. बच्ची के परिवार ने कहा कि जवानों ने एक बार फिर सेवा भाव दिखाया है. जिनका उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया है.

सभी पीड़ित लोगों को पहुंचाते हैं मदद

रक्तदान करने वाले बीएसएफ जवान मुकेश कुमार का कहना है कि कैंप में बगल में बच्ची का घर है. जैसे ही उन्हें इसकी जानकारी लगी, तो कैंप से ब्लड डोनेट करने के लिए पहुंच गए. हमारे कैंप और एरिया में कोई भी पीड़ित है, तो उसे मदद पहुंचाते हैं. बच्ची को भी ब्लड देकर उसकी जान बचाई है.

read more- Corona Horror: US Administration rejects India’s plea to export vaccine’s raw material