रायपुर। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कानून के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा प्रारंभ किए गए किसान जागृति पखवाड़ा के तहत छत्तीसगढ़ में खेती बचाओ यात्रा 8 जनवरी से जारी है. यात्रा की शुरुआत रायपुर से किसानों की एक जत्थे के नई दिल्ली कूच करने से हुई, जबकि प्रदेश के धान खरीदी केंद्रों में इस यात्रा को धमतरी से प्रारंभ किया गया.

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने बयान जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कारपोरेट परस्त तीनों कानून को रद्द करने की मांग को लेकर पूरे देश के किसान लगातार आंदोलनरत हैं. छत्तीसगढ़ में प्रदेश के 36 से अधिक संगठन छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले एकजुट होकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं और अब यह आंदोलन किसानों से फैलकर समाज के अनेक वर्ग में होते हुए जन आंदोलन का रूप ले चुका है.

प्रदेश के अनेक जिलों में खेती बचाओ यात्रा जारी

आगामी 23 जनवरी को खेती बचाओ यात्रा के तहत छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राजभवन का घेराव ट्रैक्टर मार्च निकालकर किया जाएगा. ट्रैक्टर मार्च के लिए तैयारियां जोरों पर है. खेती बचाओ यात्रा बिलासपुर, रायगढ़, धमतरी, महासमुंद, बालोद, गरियाबंद, दुर्ग, बलौदाबाजार, मुंगेली, बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, कांकेर, कोंडागांव सहित अनेक जिलों में तेज गति चल रही है. इसके अंतर्गत धान खरीदी केंद्रों और तहसील, विकासखण्ड व जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन-नुक्कड़ सभा चल रही है.

विगत दिनों आरंग क्षेत्र के अनेक गांवों खौली, भानसोज, रीवा, भिलाई, आदि में पारस नाथ साहू, द्वारिका साहू, रूपन चन्द्राकर, श्रवण चन्द्राकर आदि के द्वारा गांव में किसान बइठका का आयोजन किया गया. जिसमें किसानों ने 200 ट्रेक्टर के साथ 23 जनवरी की रायपुर रैली में जाने का संकल्प व्यक्त किया. किसान बइठका में अधिक से अधिक संख्या में 23 जनवरी को रायपुर चलो का आव्हान किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि 10 दौर की वार्ता और सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद केंद्र सरकार का अड़ियल रुख अभी भी जारी है. इसी कारण किसान आंदोलन और तेज गति से फैल रहा है. छत्तीसगढ़ के 200 किसानों का पहला जत्था सिंघु बॉर्डर दिल्ली में धरने पर है. ट्रेन और अन्य माध्यम से प्रदेश के किसान लगातार दिल्ली कूच कर रहे हैं. आगामी 23 जनवरी को किसानों का एक और जत्था ट्रेन से दिल्ली रवाना होगा.

आंदोलन के 57 वें दिन छत्तीसगढ़ के 5 किसान भूखहड़ताल पर

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के विभिन्न सीमाओं में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ से गये किसानों की जत्थे ने सिंघु बार्डर में रैली निकाल प्रदर्शन किया. रैली की अगुवानी अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव व छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, आदिवासी भारत महासभा के संयोजक सौरा यादव, क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच के संयोजक तुहीन देब, क्रांतिकारी विद्यार्थी संगठन के संयोजक टिकेश कुमार, प्रमोद कुमार, क्रांतिकारी नौजवान भारत सभा के वेणुगोपाल, क्रांतिकारी महिला संगठन के उपाध्यक्ष उर्मिला, सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा ने किया.

रैली पश्चात सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी भारत महासभा के संयोजक सौरा यादव ने कहा कि देश के अन्नदाताओ के सँघर्ष को दो माह पूरे होने जा रही है. अब तक 131 किसान शहीद हो चुके हैं, किसानों का मांग बहुत ही स्पष्ट है,तीन कृषि कानून की वापसी एंव एम एस पी पर कानून बनाना. केंद्र की मोदी सरकार ने कंगारु अदालत का सहारा लिया. अब राष्ट्र की सुरक्षा की आड़ में सैकड़ों किसान नेताओ पर एनआईए लगाकर अपना तानाशाही दमन शुरू किया है. मुर्ख तानाशाहो को दुनिया एंव भारत का किसान आंदोलनों का इतिहास को पढ़ना चाहिए.