विनोद दुबे, रायपुर। देश भर में हुए चुनाव के नतीजे गुरुवार को आ जाएंगे. छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर सूबे के लोगों की नजर है. गली-मोहल्लों से लेकर चाय और पान की दुकान के साथ ही घरों में भी हार-जीत को लेकर अपने-अपने दावे किये जा रहे हैं. इन सीटों में कई सीटें ऐसी है जिन पर प्रदेश के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. विधानसभा चुनाव में बड़े बहुमत के साथ कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई और चुनाव के पहले जो बड़े वादे किये थे उन वादों को जल्दी-जल्दी पूरा किया. जिसमें सबसे बड़ा वादा किसानों के ऋण माफी और धान के समर्थन मूल्य को लेकर है. इसके साथ ही भूपेश सरकार ने बिजली बिल हाफ करने व बड़ी संख्या में बेरोजगारों के लिए नौकरी के दरवाजे खोल दिये.

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सरकार के इन कार्यों के बाद सीएम भूपेश बघेल पर विधानसभा चुनाव की सफलता को दोहराने का जहां दबाव है वहीं सत्ता गंवा चुकी भाजपा को अपनी पुरानी साख कायम रखने का दोहरा दबाव है.

दुर्ग लोकसभा
सबसे ज्यादा चर्चा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल औऱ गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के गृह जिले और दुर्ग लोकसभा सीट को लेकर है. इस जिले से मुख्यमंत्री समेत तीन लोग मंत्रीमंडल में शामिल हैं. यहां से कांग्रेस ने पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर को टिकट दी है, वहीं भाजपा ने बड़ा दांव खेलते हुए सीएम भूपेश के रिश्तेदार और पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल को मैदान में उतार दिया है. इस सीट पर कांटे की टक्कर बताई जा रही है. भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल साफ्ट चेहरा माने जाते हैं जिसकी वजह से वे लोगों में लोकप्रिय हैं.

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सरगुजा लोकसभा
इसके साथ ही सरगुजा लोकसभा सीट जहां से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव आते हैं. क्षेत्र के राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाले सिंहदेव की शाख भी यहां दांव पर लगी है. कांग्रेस ने यहां से पूर्व सांसद और मंत्री रहे खेलसाय सिंह को मैदान में उतारा है. खेलसाय सिंह को सरकार ने सरगुजा विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है. वहीं भाजपा ने पूर्व मंत्री रेणुका सिंह को यहां से टिकट दिया है.

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कोरबा लोकसभा
इधर कोरबा लोकसभा सीट से पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की प्रतिष्ठा भी इस सीट से जुड़ी हुई है. इस लोकसभा सीट से वे खुद विधायक हैं साथ ही सांसद भी रह चुके हैं. यहां पर कांग्रेस ने उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत पर भरोसा जताया है जबकि भाजपा ने ज्योतिनंद दुबे को टिकट दी है.

रायपुर लोकसभा
उधर सूबे की राजधानी जो कि भाजपा का सबसे मजबूत किला माना जाता रहा है यहां से लगातार सात बार सांसद रहने वाले रमेश बैस का पार्टी ने टिकट काटकर पूर्व महापौर सुनील सोनी को मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस ने वर्तमान महापौर प्रमोद दुबे को टिकट दिया है. दोनों मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं.

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राजनांदगांव
वहीं राजनांदगांव सीट पर भी लोगों की सबसे ज्यादा नजर है इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह सांसद हैं लेकिन पार्टी ने उनके साथ ही सभी दसों सांसद की टिकट काट दी. पार्टी ने इस सीट से संतोष पाण्डेय को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक भोला राम साहू को टिकट दिया है. चूंकि रमन सिंह स्वयं 15 साल लगातार सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से वे लगातार विधायक भी हैं लिहाजा इस सीट पर उनकी भी शाख दांव पर लगी है.

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