रायपुर। मलेरिया नियंत्रण के लिए मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का काफ़ी व्यापक असर देखने को मिला है. बस्तर क्षेत्र में इसके बेहतरीन परिणाम देखे जाने के बाद इस अभियान का मलेरिया मुक्त छतीसगढ़ अभियान के रूप में पिछले वर्ष के अंत में सरगुजा संभाग में भी क्रियान्वयन किया गया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छग की तरफ से चलाए गए दोनों संभागों में इन विशेष अभियानों से मलेरिया के प्रकरणों में लगातार कमी आ रही है. अप्रैल 2020 की तुलना में अप्रैल 2021 में सरगुजा संभाग में मलेरिया के मामलों में 60 प्रतिशत और बस्तर संभाग में 45 प्रतिशत की कमी आई है.

इस अभियान की सफलता को देखते हुए अब ग्लोबल फंड फॉर एड्स, टीबी एंड मलेरिया (GFATM) भी छत्तीसगढ़ से मलेरिया को खत्म करने राज्य सरकार का सहयोग करेगी. संस्था ने इंटेन्सिफाइड मलेरिया एलिमिनेशन प्रोजेक्ट (Intensified Malaria Elimination Project) के अंतर्गत प्रदेश के 16 जिलों के 87 विकासखंडों में मलेरिया के उन्मूलन के लिए आर्थिक सहायता और मानव संसाधन उपलब्ध कराएगी. इससे छत्तीसगढ़ को मलेरिया मुक्त करने राज्य शासन की संचालित मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को और मजबूती मिलेगी.

छत्तीसगढ़ कोरोना अपडेट: संक्रमित से ज्यादा ठीक होने वालों की संख्या बढ़ी, मौत का आंकड़ा भी घटा, जानें वैक्सीनेशन की स्थिति 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रदेश में मलेरिया उन्मूलन के लिए जीएफएटीएम के इस सहयोग के लिए संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि इस मदद से प्रदेश में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को और अधिक सुदृढ़ता मिलेगी. इससे हम मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेंगे.

इसे भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस का कहर: ब्रेन में संक्रमण फैलने से डॉक्टर की मौत, अब तक 18 लोगों ने गंवाई जान 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि जीएफएटीएम मलेरिया उन्मूलन के लिए प्रदेश को अगले तीन वर्षों तक आर्थिक सहायता प्रदान करेगी. वर्ष 2017 के एपीआई रिपोर्ट के अनुसार दो से अधिक एपीआई (वार्षिक परजीवी सूचकांक) वाले 16 जिलों में इससे मलेरिया खत्म करने के कार्यों में तेजी लाई जाएगी. कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, जशपुर, कबीरधाम, राजनांदगांव, गरियाबंद और कोरबा जिले के 87 विकासखंडों में इस राशि का उपयोग किया जाएगा.

read more- Corona Horror: US Administration rejects India’s plea to export vaccine’s raw material