Heat Rash In Babies : गर्मी के मौसम में घमौरियां होना सामान्य है. इसे प्रिकली हीट और हीट रैशेज भी कहा जाता है. घमौरियां न सिर्फ बड़ों को, बल्कि बच्चों और नवजात शिशुओं को भी परेशान करती है. शिशुओं की त्वचा काफी संवेदनशील होती है. ऐसे में, घमौरियां होने पर उनकी त्वचा पर दाने, खुजली और रैशेज की समस्या होने लगती है. हालांकि, कुछ आसान उपायों से आप इस समस्या का इलाज कर सकते हैं.

आइए जानते हैं छोटे बच्चों में घमौरी होने के कारण और उसे ठीक करने के तरीके.

शिशुओं में घमौरियां होने के कारण (Heat Rash In Babies)

गर्मियों में अधिक तापमान और पसीने की वजह से रोम छिद्र बंद होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे घमौरियों की समस्या हो सकती है. घमौरियां होने पर शरीर पर छोटे-छोटे लाल रंग के दाने या चकत्ते उभर आते हैं. यह अक्सर गर्दन, पेट, पीठ और नितंबों पर दिखाई देते हैं. शिशुओं में घमौरियां होने के कुछ सामान्य कारण हो सकते हैं .

  • ज्यादा गर्म या उमस वाले मौसम में बच्चों को घमौरियां हो सकती हैं.
  • त्वचा पर मौजूद स्टेफिलोकोकस एपिडरमाइडिस और स्टेफिलोकोकस ओरियस जैसे बैक्टीरिया के कारण घमौरी हो सकती है.
  • कई बार शिशुओं की त्वचा पर ज्यादा तेल या क्रीम लगाने की वजह से घमौरियों की समस्या हो सकती है.
  • गर्मियों में बच्चों को ज्यादा टाइट कपड़े पहनाने से भी उन्हें घमौरियां हो सकती हैं.

शिशुओं में घमौरियों को दूर करने के तरीके

1- शिशु को जिस कमरे में लिटाएं, वहां का वातावरण सामान्य रखें.

2- किसी भी तरह की त्वचा संबंधी समस्या से बचाने के लिए शिशु की हाइजीन का खास ख्याल रखें.

3- शिशु के शरीर पर को ठंडी पट्टी या तौलिए से पोंछें.

4- गर्मियों में शिशु को जरूर से ज्यादा कपड़े न पहनाएं. और कॉटन के कपड़े ही पहनाएं.

5- शिशु को कुछ समय के लिए बिना कपड़ों के रखें. साथ ही, उसकी त्वचा पर मौजूद पसीने या तेल को किसी साफ कपड़े से पोंछते रहें.

6- आप प्रभावित हिस्से पर नारियल का तेल या डॉक्टर द्वारा सुझाई गई मेडिकेटेड क्रीम लगा सकते हैं.

7- अगर बच्चे के नितम्बों पर घमौरियां हो रही हैं, तो उसके डायपर को ढीला कर दें. या हो सके तो इस दौरान डायपर न पहनाएं.