सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी के चलते अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीज इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. सरकारी अस्पतालों में इलाज और दवा नहीं मिल पा रहा है. कुष्ठ रोगियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसी ने अपना हाथ, तो किसी ने अपना पैर खो दिया है. वहीं पीलिया, डेंगू, टीबी, हाथी पांव, मोतियाबिंद जैसी बीमारियों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कोई रणनीति नहीं बनाई है. अब कोरोना नियंत्रण में है. इसलिए नॉन कोविड मरीजों पर फोकस किया जा रहा है.

अब नान कोविड मरीजों को दी जाएगी प्राथमिकता

स्वास्थ्य विभाग के संचालक नीरज बंसोढ़ का कहना है कि विभागीय आदेश जारी कर दिया गया है. सभी अस्पतालों में अब नॉन कोविड मरीजों के इलाज में प्राथमिकता दी जाएगी. कोरोना के मद्देनजर इनके इलाज में दिक्कत हो रही थी. अन्य मरीज भी अस्पताल पहुंचने से करा रहे थे. अब सभी तरह से मरीजों का इलाज किया जाएगा.

दवा और इलाज के लिए दिए गए निर्देश

उन्होंने कहा कि कुष्ठरोग मोतियाबिंद, टीबी जैसे अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए भी विशेष पहल की जा रही है. इनकी नियमित दवा सप्लाई और इलाज के लिए आदेश जारी हो चुका है. विभागीय कदम बढ़ाने के लिए सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं.

कोरोना ने अन्य बीमारियों से हटाया ध्यान

बता दें कि पिछले दो सालों से कोरोना की वजह से स्वास्थ्य विभाग का फोकस कोरोना मरीजों की ओर है. ऐसे में कुष्ठ रोग और टीबी जैसे गंभीर बीमारी के लिए नियमित दवा लेना और समय-समय पर जांच कराना होता है. लेकिन टीबी हॉस्पिटल को कोरोना सैंपल सेंटर बनाया गया था. वही कुष्ठ रोग क्षेत्रीय कार्यालय लालपुर में कोविड हॉस्पिटल बनाया गया था. जिस कारण अन्य मरीजों को दवा और कुष्ठ रोगियों को इलाज नहीं पाया.

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