रायपुर/बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिला में ग्राम पंचायत चुनाव के लिए नामांकन से पहले ही गाँव वालों ने पंचायत का चुनाव कर लिया है. गाँव वालों ने एक राय बनाकर अपने सरपंच, उपसरपंच और सभी वार्डों के लिए निर्विरोध चयन कर लिया है. प्रदेश में अभी तक का यह पहला ऐसा मामला जहाँ नामांकन प्रकिया शुरू होने पहले निर्वाचन हो गया है. जिस ग्राम पंचायत की हम बात कर रहे हैं वह कुसमी है.

कुसमी जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर है. गाँव की कुल आबादी करीब साढ़े तीन हजार और मतदाताओं की संख्या करीब चौबीस सौ है. पंचायत में कुल 14 वार्ड है. जिन पदाधिकारियों का निर्विरोध चुनाव हुआ उनमें 32 वर्षीय युवा मोहन वर्मा को सरपंच, जबकि 35 वर्षीय युवा छत्रकुमार देवांगन को उपसरपंच चुनाव गया है. इसके साथ ही 14 पंचों का भी चयन किया गया है. चुने गए प्रतिनिधियों में मोहन वर्मा वर्तमान में उपसरपंच है, अब वही सरपंच पद की शपथ लेंगे. आबादी के हिसाब एक बड़ा पंचायत होने के बाद भी गाँव में सभी पदाधिकारियों को निर्विरोध चुना जाना गाँव वालों की एकता को दर्शाता है. निर्विरोध पंचायत चुनाव के लिए गाँव राज्य सरकार की ओर से इनाम लाखों रुपये का भी मिलेगा.

निर्विरोध चुनाव के इस पूरी प्रकिया में शामिल रहे बहेरा निवासी प्रांजल तिवारी ने lalluram.com से बातचीत में कहा कि कुसमी गाँव में पहली बार इस तरह सभी प्रतिनिधियों को निर्विरोध चुनाव है. यह एक ऐतिहासिक घटना है. चुनाव लड़ने वालों में आपसी सहमति बनाने की हमने लगातार कोशिश की और हम इसमें सफल रहे है. हमारे इन प्रयासों को सफल बनाने में हरिश साहू और वर्तमान सरपंच मधु हरिश साहू की भूमि अहम रही है. उन्होंने गाँव वालों के साथ, चुनाव लड़ने वालों के साथ लगातार बैठकें की. बैठक के बाद सभी के बीच आपसी सहमति बनाई. निश्चित तौर पर कुसमी गाँव वालों इस एकता, नेक पहल से अन्य गाँव वालों की प्रेरणा मिलेगी. कुसमी गाँव ने एक मिसाल कायम की है. इसका असर पूरे बेमेतरा जिले में दिखेगा. हम आस-पास के कई और गाँवों में इसी तरह सहमति बनाकर निर्विरोध पंचायत का चुनाव कराने की कोशिश में जुटे हैं.

निर्विरोध सरपंच चुने जाने वाले मोहन वर्मा ने lalluram.com से बातचीत में कहा कि गाँव वालो के बीच हमने आपसी सहमति बनाने गाँव के सियान लोगों से चर्चा की. हमने उनके सामने युवा सोच और चुनाव के नाम पर होने वाले लाखों खर्च, विवाद को सामने रखा है. हमारे गाँव में चुनाव के चलते दो गुट हो गए थे. अलग-अलग खेमे में बँटे लोगों को हमने मिलकर इक्कठा किया. सबके साथ आम राय बनाई. हमने मिलकर तय किया कि सरपंच बनने के लिए हमन 10-15 लाख रुपये तक खर्च कर देते हैं. यह सही नहीं है. अगर हम चाहे तो इसी पैसे को गाँव के विकास में लगा सकते हैं. बेहतर होगा कि हम सब मिलकर खुद ही चयन कर ले कि सरपंच, उपसरपंच और पंच कौन होंगे ? सबन मिलकर तय किया और पंचायत के सभी प्रतिनिधियों को चुनाव निर्विरोध हो गया.

मोहन वर्मा कहते हैं कि अब उनकी पहली प्राथमिकता ये है कि ग्राम सभा को मजबूत किया जाए. ग्राम सभा में गाँव के विकासकार्यों का फैसला हो. हम चुने हुए जन-प्रतनिधि अलग-अलग पार्टी के हैं, बावजूद इसके हमने तय किया है कि पहले गाँव का हित सर्वोपरि है उसके बाद राजनीतिक पार्टियाँ. गाँव के हितों के साथ हम समझौता नहीं करेंगे. गाँव पहली प्राथमिकता के साथ अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और पेयजल के लिए काम करेंगे. इसके साथ आने वाले 5 वर्षों में कुसमी को हम देश के अंतर सबसे स्वच्छ, सुंदर, स्वस्थ्य आदर्श गाँव बनाकर रहेंगे.