सुप्रिया पांडे,रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज एक ऐसी घटना सामने आई, जिसे लेकर विधानसभा तक में हंगामा मच गया. घटना थी चलती कार से एक युवती को फेंकने की. यह खबर जैसे ही स्थानीय लोगों से पुलिस और पुलिस से मीडिया में आई, इसकी गूंज विधानसभा तक सुनाई पड़ने लगी. दरअसल खबर यह आई थी कि उरला इलाके में एक युवती को कार से फेंका गया है. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. उरला पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने युवती को बेहोशी की हालत में अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया. चूंकि विधानसभा का सत्र चल रहा है, लिहाजा मौका मिलते ही विपक्ष ने इस मसले को सदन में उठा दिया.

भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई. हालांकि अब इस मामले में पुलिस की ओर से एक अलग कहानी बताई जा रही है. एएसपी तारकेश्वर पटेल ने युवती को कार से फेंकने की घटना से पूरी तरह इंकार कर दिया. एएसपी पटेल का कहना है कि ऐसी घटना हुई ही नहीं. उरला इलाके में बेहोशी की हालत में युवती जरूर मिली है, लेकिन उसे कार नहीं फेंका गया है.

एएसपी पटेल के मुताबिक जो युवती बेहोशी की हालत मिलीं है. उसका नाम रूबी भारद्वाज है. वह साकिन सेक्टर-8 बालाजी कॉम्पलेक्स नवी मुंबई की रहने वाली है. रूबी 26 जुलाई को मुंबई से रायपुर पहुंची थी. इसके बाद से वह रायपुर में भटक रही थी. वह तेलीबांधा तालाब किनारे नशे के हालत में बैठी हुई थी. वहां मौजूद दीपिका दीन उसे 108 के माध्यम से अंबेडकर अस्पताल लेकर गई. लेकिन वह इलाज न कराकर वापस दीपिका दीन के घर आ गई. दीपिका ने ही रूबी की सूचना सिविल लाइन पुलिस को दी.

सिविल लाइन पुलिस रूबी को थाने लेकर आई. सिविल लाइन थाने में पुलिस का बयान दर्ज किया गया. जिसमें उन्होंने अपना नाम रूबी भारद्वाज बताया. और यह भी बताया कि उसके माता-पिता नहीं है. मुंबई से वह रायपुर में अजय नाम के लड़के की तलाश में आई है. अजय का फोन नहीं लग रहा है और वह परेशान है. पुलिस ने रूबी को सखी सेंटर भेज दिया था. लेकिन सखी सेंटर से वह कल रात में लड़ाई कर भाग गई थी. आज सुबह वह उरला में बेहोशी की हालत मिली है. उसे अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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