सत्यपाल सिंह,रायपुर। तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगा दी गई है, लेकिन राजधानी रायपुर में एक महिला तीन तलाक का दंश अभी भी झेल रही है. महिला का आरोप है कि पति और ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित करते हैं. मारपीट करते हुए उसे घर से बाहर भी निकाल दिया. जब महिला थाना प्रभारी से न्याय की गुहार लगाने पहुंची, तो उल्टा उस पर ही नुक्स निकालते हुए थाना प्रभारी ने कहा कि तुम कितनी शरीफ हो, हिस्ट्री खंगालती हूँ. अब महिला एसएसपी के पास पहुंचकर कार्रवाई करने की मांग की है.

पीड़ित महिला के मुताबिक उसके पति पेशे से वकील है. चार महीने पहले उसने पत्नी को तलाक दे दिया. पहले परिजनों की समझाइश पर कई बार सामाजिक बैठक बुलाया गया, लेकिन शौहर एक बार भी बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचा. अंत में थक हार कर पुलिस के पास गई. पहले पुलिस वालों ने बहुत घुमाया, फिर काउंसलिंग का डेट रख दिया. लेकिन वहां भी नहीं पहुंचा. पीड़ित महिला की शिकायत पर थाने में एफआइआर भी दर्ज नहीं किया जा रहा था.

गृहमंत्री से लेकर डीजीपी, महिला आयोग और कई जन प्रतिनिधियों को महिला ने ज्ञापन सौंपा गया, तब जाकर 15 दिन पहले एफआईआर दर्ज किया गया, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं की गई. जब पीड़िता महिला थाने पहुंचकर कार्रवाई नहीं होने का कारण पूछ बैठी, तो थाना प्रभारी डराते धमकाते हुए कहती है कि तुम कितनी शरीफ़ हो, हिस्ट्री खंगालती हूं. आज एसएसपी अजय यादव के पास शिकायत लेकर पहुंची थी, जहां उसे कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है.

पीड़ित महिला के भाई ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने तीन तलाक़ के नियम को ख़त्म कर और सीधा गिरफ़्तारी का आदेश दिया है. लेकिन गिरफ्तारी तो दूर, एफआईआर करवाने के लिए दर दर भटकना पड़ा. जैसे तैसे एफआईआर दर्ज हुआ. लेकिन एफआईआर से तीन तलाक की धारा ही गायब है. अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है, तो मजबूरन कोर्ट का शरण लेना पड़ेगा.