रायपुर. मध्यप्रदेश सरकार ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन पर मुहर लगा दिया है. मध्यप्रदेश के इस फैसले से छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों में खुशी की लहर देखी जा रही है.

शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारियों ने सरकार से मांग की है कि वे जल्द से जल्द यहां भी शिक्षाकर्मियों को ये सौगात दे. शालेय शिक्षाकर्मी संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र दुबे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है .

शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतिय संचालक संजय शर्मा ने कहा कि सरकार अब देर न करे और तत्काल छत्तीसगढ़ के 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन करे.

रायगढ़ में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है शिक्षाकर्मी धैर्य रखें उन्हें जल्द सम्मानजनक समाधान मिलेगा.  

मध्यप्रदेश में क्या फैसला हुआ है- 

आज शिवराज कैबिनेट में  ने आज बड़ा फैसला करते हुए शिक्षाकर्मियों के संविलियन को मंजूरी दी है. संविलियन होने के बाद शिक्षाकर्मियों अब नियमित शिक्षक बन गए हैं. उन्हें भी नियमित शिक्षकों की भांति पेंशन, ग्रेच्युटी, बीमा, शासकीय आवास, अनुकंपा नियुक्ति जैसी सुविधा मिलेगी. इतना ही नहीं इन अध्यापकों को सरकार सातवां वेतनमान भी देगी, जो 1 जुलाई 2018 से देय होगा. हालांकि सातवें वेतनमान की अब तक की राशि किस रुप में दी जाएगी, यह अभी तय नहीं हो पाया है. मध्यप्रदेश के ढाई लाख अध्यापक इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे. सहायक अध्यापक, अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक के रुप में काम कर रहे अध्यापकों को सातवां वेतनमान मिलने से 4000 रुपए से लेकर 8000 रुपए प्रतिमाह तक का फायदा हो सकता है.

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