सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। मच्छरों से केवल आम लोग ही नहीं बल्कि सरकार भी परेशान है. इस पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रदेश के तमाम कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को परिपत्र जारी किया है, जिसमें मच्छरों के प्रवेश को रोकने के लिए सभी सरकारी भवनों के दरवाजों और खिड़कियों में जाली लगाने कहा है.

मुख्य सचिव जैन ने कलेक्टरों और जिला पंचायतों के सीईओ को भेजे परिपत्र में कहा है कि वेक्टरजनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया इत्यादि मच्छरों के जरिए फैलते हैं. गर्मी की शुरुआत से जून महीने तक सामान्यतः मच्छरों की संख्या कम होती है, इस अवधि में आगामी महीनों में उनकी वृद्धि को रोका जा सकता है, तथा वेक्टरजनित रोगों के नियंत्रण और उन्मूलन का कार्य किया जा सकता है, उन्होंने नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों को इसके लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव ने मच्छरों की बढ़ोतरी रोकने के लिए मार्च और अप्रैल महीने में सभी तालाबों में गंबुजिया और गुप्पी मछली छोड़ने कहा है, एक गंबुजिया मछली दिन में 300 लार्वा तक खा सकती है, इसलिए यह बायोवेक्टर नियंत्रण में प्रभावी होगा, मछली पालन विभाग से संपर्क कर ये मछलियां आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं. उन्होंने सभी सरकारी भवनों के दरवाजों और खिड़कियों में यथासंभव जाली लगाने कहा है. इसके साथ निजी आवासों में भी जाली लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश उन्होंने दिए हैं, उन्होंने पानी की टंकियों के ढक्कन की मरम्मत भी सुनिश्चित करने कहा है.

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मुख्य सचिव ने मच्छरों को रोकने आगामी मई और जून महीने में स्थानीय निकायों द्वारा फॉगिंग और इंडोर-स्प्रे की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बुखार के सभी मामलों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में सूचित करते हुए पीड़ितों की तत्काल जांच कराने कहा है. उन्होंने पानी निकासी को सुगम बनाने नालियों और नालों की सफाई के भी निर्देश दिए हैं. इसके साथ कलेक्टरों और जिला पंचायतों के सीईओ को लोगों को पहले से ही वितरित एलएलएनआई (LLNI) मच्छरदानियों के उपयोग, प्रचार-प्रसार और उपलब्धता की समीक्षा करने कहा है, इन सभी गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन से इस वर्ष मच्छरजनित बीमारियों की संख्या में कमी आने की उम्मीद जताई है.