रायपुर. मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’ का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने पत्र में कहा है कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए, राज्य के शहरी क्षेत्रों के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का शुभारंभ किया गया है.

मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का प्रमुख उद्देश्य शहरी स्लम क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रभावी एवं सुदृढ़ करना तथा चलित चिकित्सा दल के माध्यम से शहरी स्लम क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं को सहजता से पहुंचाना है. राज्य शासन द्वारा इस योजना में अधिक से अधिक जनभागीदारी को सुनिश्चित करते हुए इसका प्रभावी क्रियान्वयन किए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नगर निगम क्षेत्रों में चलित चिकित्सा दल का गठन कर राज्य शहरी विकास अभिकरण द्वारा चिन्हांकित स्थायी तथा अस्थायी स्लम में निवास करने वाले लोगों को प्रत्येक सप्ताह पूर्व से निर्धारित एक निश्चित स्थान में प्रातः 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक जांच तथा इलाज की सुविधा प्रदान किया जाए.

इसके तहत चलित चिकित्सा दल में एक चिकित्सक, एएनएम, फार्मासिस्ट तथा लैब टेक्निशियन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. शहरों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जोन कमिश्नर एवं शहरी कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा मितानिनों के साथ समन्वय कर अति आवश्यक क्षेत्र में चलित चिकित्सा दल के लिए स्थान का चयन किया जाए. चलित चिकित्सा दल के द्वारा किए जाने वाले कैम्प की पूर्व जानकारी संबंधित क्षेत्र के जनसमुदाय, मितानिनों, ए.एन.एम., स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा जनप्रतिनिधि (पार्षदगण) को माह के प्रारंभ में दिया जाए.

चलित चिकित्सा दल द्वारा निःशुल्क सलाह एवं उपचार, ए.एन.सी., पी.एन.सी., मलेरिया एवं अन्य रक्त जांच, टीकाकरण, समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अंतर्गत समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किया जाए. शहरी स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए. चलित चिकित्सा दल द्वारा प्राथमिक चिकित्सा सुविधा, लैबोरेटरी जांच एवं दवा वितरण तथा बीमारियों के रोकथाम के लिए विभिन्न संक्रामक बीमारियों की शीघ्र पहचान एवं रोकथाम की गतिविधियां, टीकाकरण, स्वास्थ्य शिक्षा एवं प्रचार-प्रसार किया जाना सुनिश्चित किया जाए.

मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान गंभीर बीमारियों का पता चलने पर उन्हें जिला चिकित्सालय अथवा उच्च स्वास्थ्य केन्द्रों में रिफर किया जाए. चलित चिकित्सा दल के लिए जगह का चयन संबंधित नगर निगम के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक, जोन कमिश्नर तथा मितानिनों के साथ समन्वय कर किया जाए. चलित चिकित्सा दल की मॉनिटरिंग जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जोन कमिश्नर एवं शहरी कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा सतत निरीक्षण एवं निगरानी किया जाए. चलित चिकित्सा दल द्वारा कैम्प स्थल पर निरीक्षण पंजी का संधारण किया जाए. इसमें फार्मासिस्ट समस्त आंकड़ों को इकठ्ठा करेगा और कैम्प के समापन उपरांत वहां उपलब्ध जनप्रतिनिधि द्वारा प्रमाणीकरण कराया जाएगा. प्रमाणीकरण के उपरांत आंकड़ों को चलित चिकित्सा दल द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में जमा कराएंगे और नगर निगम स्तर पर योजना संबंधी समस्त प्रलेखीकरण शहरी कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा किया जाएगा.

चलित चिकित्सा दल के कैम्प की जिम्मेदारी संबंधित शहरी तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधक की होगी. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का क्रियान्वयन नगरीय प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग का साझा उत्तरदायित्व होगा. इस योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संगठन का सहयोग योजना के क्रियान्वयन में लिया जाए. योजना के प्रचार-प्रसार, मोबाईलाइजेसन व दवाओं तथा उपकरणों की उपलब्धता के लिए गैर सरकारी संगठन की सहायता ली जाए.