रायपुर. प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत विद्यार्थियों को मिलेट से बने पकवान उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. इस कार्ययोजना में अभी 12 जिले शामिल हैं. प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा पूरक पोषण अंतर्गत सोया चिक्की के वितरण करने वार्षिक कार्य योजना में स्वीकृति दी गई थी. उसी समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रधानमंत्री की ओर से मिलेट मिशन की घोषणा की गई थी. इसके बाद सोया चिक्की के स्थान पर विद्यार्थियों को मिलेट से बने हुए पकवान उपलब्ध कराने निर्णय लिया गया था.

छत्तीसगढ़ में सोयाबीन की उपलब्धता नगण्य है, जबकि मिलेट्स की उपलब्धता अधिक है. इस निर्णय के बाद सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट से बने अन्य पकवान वितरण करने भारत सरकार को 16 दिसम्बर 2022 को प्रस्ताव भेजा गया था. स्मरण पत्र भी भेजा गया था. स्वीकृति समय पर नहीं मिलने के कारण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय स्कूल शिक्षा मंत्री को 27 जनवरी 2023 को अनुरोध पत्र भेजा था. भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय द्वारा सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट्स निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई है.

भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने के बाद पूर्व में सोया चिक्की वितरण के लिए चुने गए कुल 07 जिलों के के लिए राशि मार्च के अंत में प्राप्त हुई, जिसका 30 अप्रैल तक उपयोग करने के निर्देश था. तत्पश्चात पूर्व में प्रस्तावित 07 जिलों के अलावा 05 जिलों को शामिल करते हुए कुल 12 जिलों के लिए कार्ययोजना तैयार किया गया. राज्य शासन द्वारा इस संबंध में स्पष्ट आदेश दिये गये कि मिलेट्स की खरीदी जिला स्तर पर वन विभाग की संस्थाओं अथवा सी मार्ट से की जाये, परन्तु मिलेट की पकी हुई सामग्री नहीं खरीेदें, बल्कि कच्चा मिलेट खरीदकर उसे स्व-सहायता समूहों द्वारा पकी हुई सामग्री में परिवर्तित कर बच्चों को बांटा जाये .

इस निर्देश के पीछे आशय यह था कि मिलेट के व्यंजन को स्कूल स्तर पर ही पकाया जाएगा क्योंकि स्कूल स्तर पर मध्यान्ह भोजन पकाने का कार्य स्कूल स्तर के स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जाता है. राज्य शासन द्वारा विभागीय पत्र 10 मार्च 2023 द्वारा निर्देशित किया गया कि जिला कलेक्टर स्थानीय स्तर पर स्व-सहायता समूहों के माध्यम से वन विभाग द्वारा उपार्जित सामग्री से खाद्य पदार्थ बनवाकर भंडार क्रय नियम का पालन करते हुए करा सकेंगे.

भारत सरकार के गाईडलाईन अनुसार प्रधानमंत्री पोषण का संचालन स्व-सहायता समूहों द्वारा कराया जा सकता है. बाजार में उपलब्ध रेडीमेट खाद्य सामग्री क्रय पर रोक लगाई जाए. मिलेट आधारित खाद्य सामग्री का वितरण प्रस्तावित 12 जिलों में सप्ताह में 4 दिन किया जाए.पूरक पोषण सामग्री का वितरण शैक्षणिक सत्र 2022-23 अर्थात् 30 अप्रैल 2023 तक किया जाये. जिला शिक्षा अधिकारियों के मांग अनुसार राज्य कार्यालय द्वारा आबंटन जारी किया जाये.

लोक शिक्षण द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग में चर्चा करने पर यह बात पता चली कि कुछ जिलों में वास्तव में इस प्रकार से मिलेट चिक्की की खरीदी करने के आदेश जारी किये गये हैं. संचालक, लोक शिक्षण ने 20 अप्रैल को वीडियो कान्फ्रेसिंग में भी एक बार पुनः जिला शिक्षा अधिकारियों को ऐसा क्रय आदेश तुरंत निरस्त करने के निर्देश दिये थे.

जिला स्तर पर राज्य शासन के आदेश के विपरीत और राज्य शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए मिलेट चिक्की क्रय करने के आदेश जारी करने की सूचना मिली है. यदि ऐसा हुआ है तो यह घोर अनुशासनहीनता है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. राज्य शासन द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना/उल्लंघन करने वाले अधिकारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि मिलेट के व्यंजन स्कूल स्तर पर पकाये जाने हैं.उनको कोई खरीदी नहीं की जानी है और यदि खरीदी के आदेश जारी हुये भी हैं तो उसे तत्काल निरस्त किया जाए.

केन्द्रांश राशि 1797.20 लाख 20 मार्च 2023 को प्राप्त हुआ है, जिसे 30 अप्रैल तक उपयोग करने के निर्देश दिये गये है. चूंकि शालायें 30 अप्रैल तक संचालित होती है. 15 जून के बाद मिलेट्स पका हुआ भोजन दिये जाने भारत सरकार को अनुरोध पत्र भेजा जा रहा है. स्कूल शिक्षा विभाग इसके लिये कटिबद्ध है कि प्राप्त राशि का सही उपयोग हो. किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दास्त नहीं किया जायेगा. दोषी अधिकारियों को किसी भी स्थिति में नहीं बख्शा जायेगा एवं उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी.