रोहित कश्यप, मुंगेली। छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ जिला मुंगेली ने दो सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर पी एस एल्मा को ज्ञापन सौंपा है. संघ ने कहा कि 18 सितम्बर को अनुपस्थिति के सम्बंध में कलेक्टर द्वारा समस्त शासकीय कार्यालयों के लिपिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जो कि अनुचित है. दरअसल इसके पीछे लिपिक संघ की दलील है कि जिला प्रशासन ने जिले में 17 से 30 सितम्बर तक दो पाली में लॉकडाउन किया है, जिसमें कर्मचारियों को घर से काम करने का जिक्र किया गया है. आवश्यकता पड़ने पर ही विभाग प्रमुख द्वारा दफ्तर बुलाये जाने की बात भी कही गई है, ऐसे में 18 सितंबर को कर्मचारियों को अनुपस्थिति को लेकर कलेक्टर द्वारा नोटिस जारी किये जाने को लिपिक कर्मचारी संघ ने नियम विरुद्ध एवं निंदनीय बताया है.

कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में यह भी कहा गया है जिले में लॉकडाउन चल रहा है ऐसे में नियमों के तहत कर्मचारियों को एक तरफ जिला प्रशासन वर्क फ्रॉम होम के निर्देश जारी करते हैं वहीं दूसरी ओर शत प्रतिशत कर्मचारियों से दफ्तर में काम लेना न सिर्फ अनुचित है बल्कि कोरोना महामारी काल मे कर्मचारियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना है क्योंकि भीड़भाड़ से संक्रमण फैलने की आशंका है.

इसके अलावा महामारी एक्ट नियमों के तहत हाल में राज्य शासन ने 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की उपस्थिति दफ्तरों में नहीं लिए जाने के निर्देश जारी किया था, इसका भी मुंगेली जिले में उल्लंघन किया जा रहा है जो कि कर्मचारी हित में नहीं है.

संघ के जिला अध्यक्ष एस ए रिजवी का कहना है कि प्रशासन द्वारा हमारी मांगों पर विचार नहीं किये जाने की स्थिति में हम आंदोलन करने के लिए विवश होंगे.

इधर जिला कलेक्टर पी एस एल्मा का इस मामले में कहना है कि जिले में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए विभागीय कामकाज ठप न हो, इस लिहाज से 1 /3 के रोटेशन से काम लेने की बजाय शत प्रतिशत कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है, क्योंकि जिले के दफ्तरों में 60 प्रतिशत कर्मचारी ही मौजूद.