रायपुर- फोन टेपिंग को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो टूक कहा है कि- मैं यकीन दिलाता हूं कि कि अब कोई फोन टेपिंग राज्य में नहीं होगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साइंस कालेज आडिटोरियम में पूर्व छात्र मिलन के कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में राज्य के पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांग की भी मौजूदगी थी. अपने भाषण के दौरान भूपेश बघेल ने कहा कि-

प्रजातंत्र में अपनापन होना बेहद जरूरी है. लोगों को यह लगना चाहिए कि सरकार उनकी है. यह महसूस होना चाहिए कि सरकार हमारी है. इस कार्यक्रम में विवेक ढांड भी बैठे हैं. पिछली सरकार में वे फोन पर बात करने से भी डरते थे. व्हाट्स एप काल किया करते थे, लेकिन अब मैं यकीन दिलाता हूं कि फोन टेपिंग नहीं होगी. रमन सरकार के समय अधिकारियों के साथ मिलकर डराया धमकाया गय. भय का वातावरण छत्तीसगढ़ के लिए ठीक नहीं है. भाजपा को इस मामले में समर्थन करना चाहिए. ननकीराम कंवर ने खुलकर समर्थन किया है, उनको धन्यवाद देता हूं. 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस बयान के बीच यह बताना जरूरी है कि पिछली सरकार में गैर कानूनी ढंग से फोन टेप किए जाने का मामला सुर्खियों में रहा है. पिछले दिनों पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने मुख्यमंत्री को दी गई अपनी शिकायत में भी इस बात का जिक्र किया था कि बड़ी तादात में राजनेताओं, ब्यूरोक्रेट के फोन टेप किए जाते रहे. नान घोटाले की जांच के दौरान ईओडब्ल्यू के पूर्व प्रमुख आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता-रजनेश सिंह की भूमिका भी इसके इर्द-गिर्द पाई गई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया था. बता दें कि गुप्ता की सहयोगी रही रेखा नायर पर यह आरोप है कि गैर कानूनी ढंग से होने वाली फोन टेपिंग का पूरा काम देखा करती थी. जांच अधिकारियों को ऐसे भी इनपुट मिले थे कि रेखा नायर को इजराइल भेजकर ट्रेनिंग दिलाई गई थी. फोन टेपिंग के लिए दो करोड़ और पांच करोड़ रूपए की दो मशीनें भी खरीदे जाने की खबर ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को मिली है, जिसे जांच के दायरे में लाया गया है.