नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने अपना विंटर एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 10 बिंदुओं पर जन अभियान चलाया जाएगा. निर्माण साइटों पर धूल प्रदूषण को रोकने के लिए 75 और कूड़ा जलने की घटनाओं पर नजर रखने के लिए 250 टीमें गठित की गई हैं.
50 नए पर्यावरण इंजीनियरों की भर्ती
ग्रीन वॉररूम को और मजबूत करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो और जीडीआई के साथ प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट बनाया गया है और 50 नए पर्यावरण इंजीनियर की भर्ती की गई है. ई-वेस्ट से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में 20 एकड़ में देश का पहला ई-ईको वेस्ट पार्क बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र और पड़ोसी राज्यों ने कुछ नहीं किया, जिसके चलते किसानों को अब पराली जलानी पड़ेगी. उन्होंने अपील की है कि दिल्ली की तरह ही बाकी राज्य सरकारें भी अपने किसानों के खेतों मे निःशुल्क बायो डि-कंपोजर का छिड़काव करें. साथ ही केंद्र और राज्यों से मांग की है कि दिल्ली में आने वाले वाहनों को सीएनजी में और एनसीआर में चल रहे उद्योगों को पीएनजी में बदला जाए.
दिल्ली सरकार ने पराली का निकाला समाधान – अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पिछले कुछ दिनों से मैं रोज दिल्ली में वायु प्रदूषण के आंकड़ों को ट्वीट कर रहा हूं. मैं यह दिखाना चाह रहा हूं कि सर्दियों के अक्टूबर, नवंबर और कुछ हद तक दिसंबर महीने को छोड़कर बाकी समय में दिल्ली के अंदर प्रदूषण लगभग नियंत्रण में रहता है. लगभग 15 सितंबर से मैंने ट्वीट करना शुरू किया है और अभी तक दिल्ली का प्रदूषण नियंत्रण में है. एयर क्वॉलिटी इंडेक्स के पीएम-2.5 और पीएम-10 के जो आंकड़े हैं, वह सारे नियंत्रण में हैं. उन्होंने कहा कि ये या तो मॉडरेट कटैगरी में आते हैं या बहुत अच्छा में आते हैं.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि आसपास के पड़ोसी राज्यों की सरकारों ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया है. केंद्र सरकार को कई बार कहा है, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं किया है, जिसकी वजह से किसानों को अब पराली जलानी पड़ेगी, क्योंकि किसानों के पास कोई उपाय नहीं बचेगा. पराली जलाने से जो धुआं आएगा, उसकी वजह से दिल्ली के अंदर प्रदूषण होगा और यह अगले कुछ दिनों में हम देखेंगे. पराली को जलाने से बचने का अब विकल्प निकल आया है. दिल्ली सरकार ने आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाय इसका समाधान निकाला है. हम केंद्र सरकार से भी लगातार संपर्क में हैं और उम्मीद करते हैं कि इसे ज्यादा से ज्यादा लागू किया जाएगा.
दिल्ली में 24 घंटे बिजली आपूर्ति होने से जेनरेटर बंद और प्रदूषण कम- अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पिछले 7 साल से आम आदमी पार्टी की सरकार है. दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के साथ मिलकर हम लोगों ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं. खासकर मैं दिल्ली के लोगों का शुक्रिया करना चाहूूंगा और उन्हें बधाई देना चाहूंगा कि दिल्ली के लोगों ने बढ़-चढ़कर प्रदूषण को कम करने में हिस्सा लिया. मोटे-मोटे तौर पर अभी तक हम लोगों ने 10 कदम उठाए हैं. पहला, दिल्ली में 24 घंटे बिजली कर दी. पहले दिल्ली में हजारों जेनरेटर चला करते थे. 24 घंटे बिजली करने के बाद वो जेनरेटर चलने बंद हो गए. उन जेनरेटर के बंद होने से जो धुआं निकलता था, वह भी बंद हो गया. दिल्ली के अंदर प्रदूषण कम होने का यह बहुत बड़ा कारण है.
दूसरा धूल प्रदूषण पर हमने काबू पाने की कोशिश की. इस पर बड़ी सख्ती की गई। जहां-जहां भी निर्माण साइट है, वहां पर निरीक्षण करने के लिए टीमें भेजी गई. आदेश का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया गया, ताकि धूल प्रदूषण को कम किया जा सके.
तीसरा पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे बना. हम देखते थे कि कितने ट्रक दिल्ली के अंदर आया करते थे और वो सारी रात प्रदूषण पैदा करते थे. सुबह जब हम उठकर बाहर टहलने जाया करते थे, तो कितना प्रदूषण होता था. अब केंद्र सरकार ने दिल्ली के दोनों तरफ जो पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे बनाया है, उसकी वजह से अब जिन ट्रकों को दिल्ली के अंदर नहीं आना होता है, वो बाहर से ही निकल जाते हैं.
चौथा दिल्ली में कोयले से बिजली बनाने वाले दो थर्मल पॉवर प्लांट थे, जिनकी वजह से हवा के अंदर छोटे-छोटे कोयले के कण चले जाते थे, जो सेहत के लिए काफी हानिकारक थे. दिल्ली में वह दोनों थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए गए. आज दिल्ली पूरे देश का इकलौता राज्य है, जहां पर कोई थर्मल पावर प्लांट नहीं है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश का पहला स्मॉग टावर दिल्ली में लगा है, यह सफल रहा, तो कई हिस्सों में इसे लगाया जाएगा.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन सर्दियों के लिए हमने 10 बिंदु का एक्शन प्लान बनाया है.
पहला पराली- पूसा इंस्टीट्यूट की मदद से बायो डि-कंपोजर बनाया गया है. यह एक ऐसा घोल है, जिसका छिड़काव करने से किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. दिल्ली के अंदर सरकार सारे किसानों के खेत में इसका मुफ्त में छिड़काव कर रही है. यह छिड़काव पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकार भी कर सकती है. उनको भी किसानों के खेत में मुफ्त में इसका छिड़काव करना चाहिए.
दूसरा एंटी डस्ट कैंपेन- इसे और सुदृढ़ किया जा रहा है. पूरी दिल्ली के अंदर 75 टीमों का गठन किया गया है. यह टीमें निर्माण साइटों पर जाकर मुआयना करेंगी और अगर कहीं पर भी धूल का प्रदूषण पाया जाता है, तो उन पर भारी जुर्माना लगाएंगी, ताकि वहां धूल के प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके.
तीसरा कूड़ा- सीएम केजरीवाल ने कहा कि कूड़ा जलने की घटनाओं को रोकने के लिए हमने 250 टीम की पेट्रोलिंग शुरू की हैं. कहीं पर भी अगर कूड़ा जलता हुआ पाया जाएगा, तो उसे रोका जाएगा और जिम्मेदारों पर जुर्माना लगाया जाएगा.
चौथा पटाखे- केजरीवाल ने बताया कि पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पटाखों को खरीदने और बेचने दोनों पर पाबंदी है.
पांचवां स्मॉग टावर- देश का पहला स्मॉग टावर दिल्ली में बना है. इसके नतीजे काफी उत्साहजनक आ रहे हैं. कुछ दिन इसका और अध्ययन करेंगे और परिणाम सफल रहता है, तो दिल्ली के कई और हिस्सों में इसे लगाया जाएगा.
10 प्वाइंट विंटर एक्शन प्लान
1. पराली के लिए डिकंपोजर
2. धूल विरोधी अभियान
3. कूड़ा जलाने पर जुर्माना
4. पटाखों पर प्रतिबंध
5. स्मॉग टॉवर
6. हॉटस्पॉट की निगरानी करना
7. ग्रीन वॉर रूम
8. ग्रीन दिल्ली एप
9. भारत का पहला ई-कचरा पार्क
10. वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकें
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