नई दिल्ली। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब आप ट्रैफिक लाइट पर रूकते हो, तो आपकी कार की खिड़की को कोई बच्चा खटखटाता है और वो आपसे पैसे मांगता है या वो कुछ बेचने की कोशिश करता है. उसकी तरफ कोई सरकार ध्यान नहीं देती है, क्योंकि वो वोटर नहीं है, वो वोट बैंक नहीं है. लेकिन हम इन बच्चों के लिए आवासीय स्टेट ऑफ द ऑर्ट फैसिलिटी का एक स्कूल बनाएंगे. वो आवासीय स्कूल बिल्कुल अलग किस्म का होगा, क्योंकि बच्चों को सबसे पहले हमें भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सहारा देना पड़ेगा. इन बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए बहुत प्रयास किए और सारे प्रयास अभी तक फेल हुए. अभी तक जितने प्रयास किए गए, उनमें मानवीयता नहीं थी. बच्चों को पकड़ते हैं और ले जाकर चाइल्ड केयर सेंटर में डाल देते हैं. वहां कोई पूछने वाला नहीं है, इसलिए बच्चे वहां से भाग जाते हैं. यह स्कूल ऐसे होंगे, जहां उनको फाइव स्टार जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. उन बच्चों को मुख्यधारा में लाकर उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाया जाएगा. इसके लिए बजट में 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

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‘आप’ की सरकार ने पिछले 7 साल में करीब 12 लाख रोजगार के लिए दिल्ली के युवाओं के लिए तैयार किया- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा विधानसभा में पेश किए गए ‘रोजगार बजट’ को बहुत ही उम्दा और इनोवेटिव बताया और वित्त मंत्री को बधाई देते हुए कहा कि ‘आप’ की सरकार ने बजट में दिल्ली के लोगों के लिए रोजगार बढ़ाने और महंगाई से राहत देने का इंतजाम किया है. हमारी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और महिलाओं के लिए ट्रांसपोर्ट को फ्री करके महंगाई में लोगों को थोड़ी राहत देने का काम कर रही है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हमने 76 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जबकि 2015 में यह 31 हजार करोड़ रुपए था. 7 साल में दिल्ली का बजट बढ़कर ढाई गुना हो गया है. यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. ‘आप’ एक ईमानदार पार्टी है और हमारी सरकार कट्टर ईमानदार सरकार है. बजट में वृद्धि उसी का नतीजा है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने बजट में अगले 5 साल में 20 लाख रोजगार तैयार करने का पूरा खाका देश के सामने रखा है. यह चुनावी वादा नहीं है. रिटेल, फूड एंड व्रेबरीज, लॉजिस्टिक एंड सप्लाई चेन, ट्रैवेल एंड टूरिज्म, एंटरटेनमेंट, कंस्ट्रक्शन, रियल स्टेट व ग्रीन एनर्जी जैसे सेक्टर में 20 लाख रोजगार पैदा किए जाएंगे. दिल्ली की 5 मार्केट का नवीनीकरण किया जाएगा. दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल और दिल्ली होल सेल फेस्टिवल लगाया जाएगा. इससे अर्थव्यवस्था के साथ रोजगार बढ़ेगा. क्लाउड किचन क्लस्टर की स्थापना, इलेक्ट्रॉनिक सिटी, फिल्म पॉलिसी जैसी कई अहम कदमों से ढेरों रोजगार पैदा किए जाएंगे.

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‘आप’ की सरकार ने 7 साल में अनावश्यक खर्च और भ्रष्टाचार को खत्म किया- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारा मानना है कि आज इस देश में एक आम आदमी के सामने दो सबसे बड़ी समस्या रोजगार और महंगाई है. इसे लेकर जैसे अभी पंजाब में हमारी सरकार है. पंजाब में हमारी सरकार बनते ही 25 हजार नई सरकारी नौकरियों का ऐलान किया. एक महीने के बाद जिनकी भर्ती होने वाली है. पंजाब की ‘आप’ सरकार ने 35 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का ऐलान किया है. आज दिल्ली में जो बजट पेश किया गया, उसे अगर मैं मोटे तौर पर देखूं, तो इन दो समस्याओं रोजगार और महंगाई का समाधान आज यह बजट दिल्ली के लोगों के लिए करता है. मुझे नहीं लगता है कि इतने बड़े स्तर पर रोजगार पैदा करने के लिए इतने क्रिएटिव और इनोवेटिव तरीके के साथ आज तक किसी भी सरकार ने प्रयास किया है, जो आज इस बजट के जरिए किया गया है. पिछले 7 साल में दिल्ली सरकार ने लगभग 12 लाख रोजगार के दिल्ली के युवाओं के लिए तैयार किया. इनमें 1.88 लाख रोजगार सरकारी सेक्टर में थे और लगभग 10 लाख रोजगार प्राइवेट सेक्टर में थे. पिछले 7 साल के अंदर 12 लाख रोजगार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने तैयार किए.

दिल्ली सरकार बजट बहुत ही उम्दा और इनोवेटिव है, इसके लिए वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया को बधाई- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज जो बजट पेश किया गया, यह बजट अगले पांच साल के अंदर 20 लाख नए रोजगार तैयार करने का लक्ष्य रखता है. यह बात कहने के लिए भी हिम्मत चाहिए कि हम अगले 5 साल में 20 लाख रोजगार देंगे. यह चुनावी वादा नहीं है और आज कोई चुनावी सभा नहीं थी. आज विधानसभा के अंदर बजट रखा गया है और बजट में 20 लाख रोजगार तैयार करने का एक पूरा खाका देश के सामने रखा गया. कोरोना की वजह से बहुत सारी नौकरियां चली गईं. हर घर के अंदर तकलीफ है. लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं. 20 लाख रोजगार का यह जो बजट है, इसमें बताया गया है कि दिल्ली में एक करोड़ 68 लाख लोग ऐसे हैं, जो कि नौकरी लेने के लिए सक्षम हैं. दिल्ली की आबादी 1.68 करोड़ नहीं है, आबादी तो दो करोड़ से अधिक है. इसमें बच्चे आदि हैं. 1.68 करोड़ ऐसे हैं, जो नौकरी लेने के लिए सक्षम हैं. 1.68 करोड़ लोगों में से आज केवल एक तिहाई लोग ही हैं, जिनके पास नौकरी है. बाकियों के पास नौकरी नहीं है. यह जो 33 फीसदी की संख्या है, हमें इसे पांच साल में बढ़ाकर 45 फीसदी तक लेकर जाना है. हमें इसे करीब 12 फीसदी तक बढ़ाना है. इसका मतलब यह है कि आज दिल्ली में 56 लाख लोगों के पास नौकरी है, इसे 76 लाख तक लेकर जाना है.