रायपुर. यह देश युवाओं का देश है. बहुत समय तक यह देश युवाओं का बना रहेगा. इस देश को युवाओं को संभालना है. किस प्रकार देश चाहते है, आपको तय करना है. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मैट्स यूनिवर्सिटी में युवाओं को संबोधित करते हुए कही.

‘युवा संवाद’ कार्यक्रम में लीक से हटकर टी-शर्ट पहनकर पहुंचे सीएम बघेल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तर्ज पर युवाओं के सवालों का जवाब देना शुरू किया. उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं आपके बीच हूं. यह महात्मा गांधी का देश है. उन्हीं के नेतृत्व के देश आजात हुआ. उन्हें गोडसे ने गोली मारी, लेकिन विचार आज भी जीवित हैं. आज अमेरिका के लोग कहते हैं कि अच्छे से पढ़ो-लिखो नहीं तो भारत के लोग कब्जा कर लेंगे. राजीव गांधी की सोच यह स्थिति बनी. आज शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है.

कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने सवाल किया. प्रीति अग्रवाल ने सवाल किया कि 15 साल के संघर्ष के बाद सीएम के पद की जिम्मेदारी संभालने पर कैसा महसूस कर रहे हैं. बघेल ने कहा कि स्वाभाविक है अच्छा महसूस कर रहा हूं. 15 साल हमने संघर्ष किया. छत्तीसगढ़ की संपदा का सही उपयोग नहीं हो पा रहा था. सत्ता परिवर्तन हुआ. मुझे अवसर मिला इसकी खुशी है. छात्र देवेंद्र साहू ने सवाल किया कि अगर आप राजनेता नहीं होते तो युवाओं को राजनीति में आने के लिए किस प्रकार प्रोत्साहित करते? मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं राजनेता नहीं होता तो किसान होता. मैं अभी भी किसानी करता हूं. देश के 60 प्रतिशत लोगों को कृषि रोजगार देता है. हमारे युवा राजनीति में आएं. चिंतन के साथ राजनीति में आएं ताकि दूसरे देशों की अपेक्षा हम आगे बढ़ सके.

सुरुचि पालके ने शिक्षा के क्षेत्र में सरकार नई परियोजनाओं को लेकर सवाल किया, जिस पर सीएम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र के बहुत काम करने की आवश्यकता है. रिसर्च पर कोई काम नहीं हो रहा है. शिक्षा में बजट बढ़ाने की आवश्यकता है. जब हमारे पास टीचर ही नहीं होंगे तो कहां पढ़ाई होगी. 15 साल तक सिर्फ शिक्षकों ने आंदोलन किया अगर बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे तो बच्चों का कैसे भविष्य कैसे बन पाएगा.

नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी पर किया सवाल

सृष्टि ने सरकार की नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बारी योजना पर सवाल करते हुए पूछा कि इस योजना को किस तरह से क्रियान्वित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने नारा दिया था छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरुआ, घुरुआ अउ बारी. आज आवश्यकता है कि नाला में विचार करने की. आज पानी सबसे कीमती है. हम पानी पहुंचाने का काम करेंगे. आप साइंस से जुड़े लोग है. देश में आज पशुओं की हालत क्या है, लोग देखभाल नही कर पा रहे हैं. लोग गाय को गरु समझ लिए है, इसलिए गोठान हम बना रहे हैं. गोबर से ही खाद बनाए. हर आदमी आज सब्जी को लेकर चिंतित है. हम जैविक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं.

राहुल राज ने सवाल किया कि किसान से मुख्यमंत्री तक का सफर  कैसा रहा, युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगे? सीएम ने कहा कि मैं साइंस कॉलेज छोड़कर गया और किसानी कर रहा था, तब मैंने नहीं सोचा था राजनीति में आऊँगा, क्योंकि खेती में ही समय निकल जाता था. मैं कब राजनीति में आया मुझे पता नहीं चला. आकृति राठौर ने पूछा राजनीति में आने के पश्चात आपके व्यक्तित्व में क्या परिवर्तन आया है? सीएम ने कहा कि मेरे में क्या परिवर्तन आया यह आप ज्यादा बता सकते हैं. पहले हर मुद्दे पर आंदोलन करते थे. ऊर्जा है उसे लोगों के हित में लगाने का काम किया.

नक्सल पर पिछली सरकार ने गलती की

सौम्या ने सवाल किया कि नक्सलवाद की सबसे बड़ी समस्या से कैसे निपटेंगे. इस पर सीएम ने कहा कि यह ज्वलंत मुद्दा है. चार ब्लॉक से आज 14 जिलों में नक्सल फैल चुका है.  पिछली सरकार की गलती है गोली का जवाब गोली से देना, हमे दूसरा रास्ता अपनाना होगा. हमें वहां के लोगों का विश्वास जितना सबसे जरूरी, जबतक ऐसा नहीं होगा हम सफल नहीं होगा. कार्यक्रम के दौरान यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति गजराज पगारिया, कुलपति कर्नल डॉ. बैजू जॉन, महानिदेशक प्रियेश पगारिया, कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक व विद्यार्थी उपस्थित थे.