रायपुर। राजधानी रायपुर स्थित बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ शिक्षा संवर्ग और पंचायत सचिव संघ के संयुक्त तत्वावधान में सम्मान समारोह आयोजित किया गया था. जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री के पुरानी पेंशन बहाली के निर्णय के बाद सर्व शिक्षक पंचायत सचिव मंच के बेनर तले 12 कर्मचारी संगठनों ने अभिनंदन किया. संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री बघेल का सम्मान कर आभार व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंचायत सचिवों के शासकीय करण की मांग पर कहा कि एक कमेटी बनाकर अध्ययन करने के लिए मुख्य सचिव को कहेंगे, जल्द रास्ता निकालेंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंचायत सचिवों के शासकीयकरण और पेंशन की मांग पर घोषणा की है. सीएम बघेल ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अध्ययन करने के लिए मुख्य सचिव को कहेंगे, जल्द रास्ता निकालेंगे.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षकों से कहा आपने जो और मांगें रखी है, उसका अध्ययन करेंगे, जब हजारों को दिया तो केवल 900 के लिए क्या दिक्कत होगी, कोई रास्ता तो निकले, अधिकारियों ,कर्मचारियों की कलम नहीं फंसना चाहिए. सीएम बघेल ने कहा कि कोई न कोई रास्ता निकालकर 98 के बाद वालों का क्या होगा, इसे लेकर रास्ता निकालेंगे, मुख्य सचिव से इसे देखने कहेंगे, आपके भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शिक्षकों के आंदोलनों में हमेशा मैं साथ रहा हूं. कर्मचारियों के हित में जो भी संभव हो सकेगा, हमारी सरकार इसके लिए सदैव तत्पर है. उन्होंने कहा कि 1998 के बाद पहली बार राज्य में लगभग 15 हजार शिक्षकों की नियमित नियुक्ति हुई है. अब शिक्षकों को भविष्य में संविदा कर्मी या शिक्षाकर्मी नहीं कहलाना पड़ेगा. शिक्षकों को भी पूरा सम्मान मिलेगा.

बघेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भी अपने जीवन की परवाह किए बिना लोगों की जान बचाने के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों सहित शिक्षकों, पंचायत सचिवों, पुलिस के जवानों, सफाई कर्मचारियों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

उन्होंने कोरोना काल में सहयोग के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आगे भी हम सबको मिल-जुल कर राज्य की प्रगति के लिए तत्परता से काम करने की जरूरत है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति चाहता है कि उसके बच्चे अंग्रेजी माध्यम और उत्कृष्ट स्कूलों में पढ़ाई करें. सरकार ने गरीबों, वंचितों, निम्न आय वर्गाें की पीड़ा को समझा और प्रदेश में 172 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने का काम किया. सरकार ने अब 32 उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम के स्कूल खोलने का भी निर्णय लिया है.