रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साइंस कॉलेज मैदान का निरीक्षण किया. तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि 1 से 3 तारीख तक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसमें अलग-अलग विभागों द्वारा स्टॉल लगाए जाएंगे. वहीं सीएम बघेल ने रमन सिंह और अजय चंद्राकर पर जमकर निशाना साधा.

सीएम ने वहीं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के उठाए गए सवाल पर कहा कि 15 साल तक बीजेपी को मौका मिला था, उन्होंने किया. बस्तर के आदिवासियों को तो नक्सली समझते थे. गोलियां भी उनके सीने में चलाई जाती थी. जिलों में भी आदिवासियों को अंदर किया जाता था. वह उनका दृष्टिकोण था. हमारी दृष्टि यह है कि बस्तर सरगुजा लगभग 41 जनजातियां छत्तीसगढ़ में निवास करती है. आदिवासियों का परंपरा, आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं.

बघेल ने कहा कि देश और दुनिया के ट्राइबल को उनके भी संस्कृति एक संगम होगा, जिसमें सब लोग विदेश से भी 9 टीम छत्तीसगढ़ आ रही है. सभी लोग अपना कार्यक्रम को दिखाएंगे. देश दुनिया के जो संस्कृति उसको जानने का छत्तीसगढ़ की जो गौरवशाली संस्कृति है. उसको भी जानने का मौका लोगों को मिलेगा.

आरक्षण के मामले पर सीएम ने कहा कि डेटा कमीशन बनाए थे, उसकी रिपोर्ट आने पर तत्काल कार्रवाई करेंगे करेंगे, उसकी प्रक्रिया हम लोगों ने तय कर लिया है. अधिकारियों से भी बातचीत हो गई है. आदिवासियों की जो प्रतिनिधि आए थे, उन लोगों से भी चर्चा की गई है.

पिछली सरकार के गलत कर्मों के कारण से यह स्थिति निर्मित हुई है और पूरा विश्वास आदिवासियों का यह सरकार ही उस समस्या का निदान ढूंढेंगी. भाजपा द्वारा लिए जा रहे विधानसभावार बैठक पर सीएम ने कहा कि अच्छी बात है, बैठक करना चाहिए.

सीएम बघेल ने कहा कि मुझे पता चला है, पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को खूब डांट पड़ी है. उनको बोला गया है कि अकेले दौरा नहीं करेंगे. बीजेपी में गुटबाजी लगातार उभर कर सामने आ रही है. उनको दबाने की कितनी भी कोशिश कर लें, पुरंदेश्वरी की छुट्टी हो गई. दूसरे और तीसरे प्रभारी जो आए हैं गुटबाजी कितना संभाल पाते हैं.

नोटों की छपी तस्वीरों पर देश में हो रही राजनीति पर सीएम ने कहा कि नोटों पर किस की तस्वीरें होगी, यह भारत सरकार तय करती है, लेकिन अभी वोट की खातिर केजरीवाल ने यह शिगूफा छोड़ा है. बैठकर जब बातचीत कर रहे थे, प्रेस के लोगों से तब एक तरफ भगत सिंह और दूसरी तरफ अंबेडकर जी की फोटो लगी थी.

अगर दोनों महापुरुष जिंदा होते तो उनके समक्ष यह बातें क्या केजरीवाल कह पाते ?. जहां-जहां चुनाव केजरीवाल को लड़ना होता है, उसके लिए भावनात्मक कार्ड केजरीवाल खेलते हैं. वोट समेटने की कोशिश कर रहे हैं, इसके अलावा कुछ नहीं है. पहले बोले थे, यमुना जी की सफाई करने की बात. केजरीवाल जो कहते हैं, वह करते नहीं हैं. लक्ष्मी और गणेश के पैर पकड़कर बेतरीनी पार करना चाहते हैं.

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