रायपुर. जगदलपुर के मालगांव स्थित छुई खदान में हुए हादसे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुख जताया है. सीएम ने मृतक मजदूरों के परिजनों को 4 लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है. सीएम ने घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिया है.

बता दें कि नगरनार क्षेत्र अंतर्गत मालगांव में खदान धंसने से 6 लोगों की मौत हो गई. वहीं 3 लोग बुरी तरीके से घायल हो गए. फिलहाल घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है. लेकिन ये एक बड़ी घटना मानी जा रही है.

शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे मालगांव के ग्रामीण खदान पहुंचे और वहां अंदर बने सुरंग से चूना निकालने की कोशिश कर रहे थे. काफी दिनों से ग्रामीण खदान की खुदाई कर चुना निकलते थे. लगभग 10 फीट से ज्यादा खदान के अंदर की खुदाई हो चुकी थी. करीब 9 ग्रामीण सुरंग में घुसे हुए थे और अचानक मुरुम अनबैलेंस होकर ढह गया. खदान ढहने से ग्रामीण उसमें दब गए. जिससे 6 लोगों की मौत हो गई और तीन बुरी तरीके से घायल हो गए. 6 लोगों में 5 महिला और एक पुरुष शामिल हैं और घायलों की संख्या तीन में से एक 13 साल की बच्ची और 2 महिला शामिल हैं. घायलों का इलाज डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.

किसकी लापरवाही ?

इस घटना में सबसे बड़ी लापरवाही जिला प्रशासन के साथ मालगांव के सरपंच बलराम बघेल और सचिव दीपिका दास की मानी जा सकती है. क्योंकि लंबे समय से खदान की खुदाई हो रही थी और इसकी जानकारी सरपंच और सचिवों को होने के बावजूद इसे बंद नहीं करवाया गया. जिस वजह से इतनी बड़ी घटना हो गई. ये जमीन फॉरेस्ट की है और फॉरेस्ट लैंड में किसी भी तरीके से खुदाई की अनुमति नहीं होती है. लेकिन इसके बावजूद ये खुदाई किस के निर्देश पर हुई और इसकी जानकारी किसको किसको थी, ये एक बड़ा सवाल है. हालांकि बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार का कहना है कि इस घटना की विस्तृत जांच करवाएंगे और इस लापरवाही में जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर जरूर कार्रवाई की जाएगी.

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