वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। राज्य स्तरीय कृषि समृद्धि मेला में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों को लेकर बैंक अधिकारियों के साथ प्रदेशभर के कलेक्टरों को ताकीद किया. उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी किसानों को परेशान न करें. अधिकारी उदारतापूर्वक काम करें. प्रदेश भर के कलेक्टर मेरी बात को सुन रहे हैं. खेती-किसानी का दिन है, किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे देश मे हमारी सरकार ही ऐसी है, जिसने कोदो-कुटकी खरीदने का फैसला किया है. मछली पालन को खेती का दर्जा, बिना ब्याज के ऋण दी जाएगी. किसानों को मिलने वाली सुविधाओं की तरह लाभ दिया जाएगा. किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए बिना हल्ला मचाए दिया गया. उन्होंने कहा कि धान की फसल लेने पर 9 हजार और अन्य फसल लेने पर 10 हजार रुपए की राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दी जाएगी. इसी योजना के तहत किसानों के जमीन समतलीकरण का भी कार्य किया जाएगा. मछली पालन को कृषि का दर्जा देने के साथ, तालाब में मछली पालन पर करीब 1 लाख तक का लाभ दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सहकारिता को बढ़ावा देने का कार्य किया गया, बिना ऋण के किसानों का काम नहीं चल सकता है, ऋण 24 सौ हुआ करता था, जिसे अब दो हजार रुपए किया गया. किसानों को ना बैंक में लाइन लगाना पड़ा और ना कहीं और, बिना झंझट के किसानों को 10 दिनों में धान बिक्री का पैसा मिल गया.

मेले में शामिल कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में किए का कामों की तारीफ हुई है. राजनीतिक बात नही, मोदी बनारस में जीते, योगी की सरकार धान की कीमत 1 हजार रुपए है. यहां 2500 रुपया क्विंटल किसान को मिल रहा है. ये किसानों की सरकार है, आने वाले समय में न यूरिया मिलेगा न डीएपी. हर गौठान में गोबर मिलेगा, गोधन योजना की तारीफ करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ने अपनाया है. गोवर्धन योजना के नाम से देश में चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि बिलासपुर से पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा. यहां से किसानों के लिए योजनाएं शुरू होगी. जिस क्षेत्र में जिस तरह की फसल की उपज होगी, उसके लिए योजना तैयार होगी.