सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। पारंपरिक खेलों का महाकुंभ छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुभारंभ किया. 6 अक्टूबर से शुरू होकर 6 जनवरी 2023 तक चलने वाली प्रतियोगिताओं में गांव से लेकर शहर तक, युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक प्रतिभागी होंगे.

पहली बार छत्तीसगढ़ी खेलों का राज्यभर में आयोजन

राजधानी के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत हो रही है. अब धान खरीदी की भी शुरूआत करना है. 17 अक्टूबर को न्याय योजनाओं की राशि का वितरण होगा. खेल व युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच है कि छत्तीसगढ़ संस्कृति को आगे बढ़ाना है. ऐसा प्रयास अभी तक किसी ने नहीं किया, पहली बार ये प्रयास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे हैं.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के ब्रोशर का विमोचन किया. इसमें छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की संपूर्ण जानकारी दी गई है. पहली बार आयोजित छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में 14 प्रकार के पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है. इसकी शुरुआत राजीव युवा मितान क्लब स्तर से शुरू होगी. इसके बाद जोन स्तर, फिर विकासखंड, नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी.

इस प्रतियोगिता में युवा से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हो सकते हैं. यह प्रतियोगिता 6 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 6 जनवरी 2023 तक होगी. पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्पर्धा के साथ ही टीम एवं एकल स्तर पर प्रतियोगिताएं होगी. इसमें दो श्रेणी में प्रतियोगिताएं होंगी. दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं, वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ एवं लम्बी कूद शामिल है.

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