रायपुर। राज्योत्सव कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय से जशपुर जिले के बालाछापर में सरना एथनिक रिसॉर्ट, कुनकुरी में कोईनार हाइवे ट्रीट, कांकेर जिले के नथियानवागांग में हिल मैना हाईवे ट्रीट, कोरबा जिले के सतरेंगा बोट क्लब एंड रिसॉर्ट और सरगुजा जिले के महेशपुर में वे साइड अमेनिटी का ई-लोकार्पण करेंगे.ये सभी ट्राइबल टूरिज्म सर्किट के अन्तर्गत स्वदेश दर्शन योजना के तहत बनाए गए हैं. कार्यक्रम की अध्यक्षता पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू करेंगे.

छत्तीसगढ़ में स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत ट्राईबल टूरिज्म सर्किट विकसित किया जा रहा है. इसके तहत पर्यटन स्थलों में बुनियादी ढ़ांचा विकसित किया जा रहा है. पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प को भी बढ़ावा मिलेगा. छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ट्राइबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत कुल 13 स्थानों पर 96 करोड़ की लागत से ईको एथनिक टूरिस्ट रिसार्ट निर्मित कराए जा रहे हैं.

जिसमें जशपुर, कुनकुरी, मैनपाट, कमलेश्वरपुर (मैनपाट), महेशपुर, कुरदर, सरोधा दादर, गंगरेल (धमतरी), नथियानवागांव, कोण्डागांव, जगदलपुर, चित्रकोट एवं तीरथगढ़ शामिल हैं..इस योजना के तहत कुरदर (बिलासपुर), सरोधा दादर (कबीरधाम) तथा धनकुल (कोण्डागांव) ईको एथनिक रिसार्ट का ई-लोकार्पण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 14 अगस्त को कर चुके है.

छत्तीसगढ़ राज्य पर्यटन की दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है, यहां वे सारी विशेषताएं उपलब्ध है जिसमें एक पर्यटक की रूचि होती है..यहां धार्मिक, पुरातात्विक एवं प्राकृतिक स्थलों की भरमार है.. इसके साथ ही राज्य की पहचान यहां की आदिवासी एवं जनजातीय संस्कृति से भी है.. पर्यटकों को अब सामान्य पर्यटन के साथ स्थानीय संस्कृति को भी निकट से देखने एवं उनकी विशेषताओं को समझने का अवसर मिलेगा..

छत्तीसगढ़ की आदिवासी एवं जनजातीय संस्कृति से पर्यटकों को परिचित कराने के लिए वर्ष 2016 में ट्रायबल टूरिज्म सर्किट की परियोजना स्वीकृत की गई है.. इस योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य की आदिवासी एवं जनजातीय संस्कृति के वैभव, कला, संस्कृति, परंपरा, हस्तशिल्प और ग्रामीण परिवेश को नजदीक से देखने-समझने के लिए छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा पर्यटकों को इको-एथनिक वातावरण और सुविधाएं प्रदान करने की पहल की जा रही है.