रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में उत्पादन मिलेट्स उत्पादन की जानकारी दी. प्रधानमंत्री मोदी ने मिलेट मिशन की तारीफ करते हुए रायपुर में मिलेट कैफे शुरू करने कहा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से केन्द्र के पास लंबित छत्तीसगढ़ की राजस्व राशि की शीघ्र प्रदायगी का अनुरोध किया. इसे भी पढ़ें : Chhattisgarh Tourism : रोमांच से भर देंगे छत्तीसगढ़ के ये खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस…

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में मिलेट का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है. राज्य में कोदो कुटकी का समर्थन मूल्य 3000 रुपये क्विंटल घोषित किया है. देश में पहले मिलेट बैंक की शुरूआत छत्तीसगढ़ में की गई है. जहां 22 प्रकार के मिलेट का उत्पादन होता है.

बघेल ने प्रधानमंत्री को बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद अन्य उत्पादक राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ को भी वाणिज्यिक कर राजस्व में कमी का सामना करना पड रहा है. जीएसटी लागू होने के दिनांक से 30 जून 2022 तक छत्तीसगढ़ राज्य को देय जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि में से 1375 करोड़ रूपए राज्य को प्राप्त होना शेष है. यह राशि राज्य को शीघ्र प्रदाय की जाए.

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मुख्यमंत्री ने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 2014 में निरस्त कोल ब्लाकों से एडीशनल लेवी की वसूली केन्द्र शासन द्वारा प्राप्त की गई है. छत्तीसगढ़ राज्य के कोल ब्लाकों से इस मद से की गई वसूली की राशि लगभग 4170 करोड़ रूपए राज्य को अंतरित करने के लिए केन्द्र शासन से अनेक बार अनुरोध किया गया है, किन्तु राशि अप्राप्त है. उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि राशि शीघ्र राज्य को अंतरित की जाए.

भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में संचालित स्पंज आयरन और स्टील उद्योगों के लिये साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) से कोयले की आपूर्ति में विगत छह माह में लगातार समस्या आ रही है. इस कारण से राज्य के उद्योगों के संचालन में लगातार कठिनाई बनी हुई है. उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि राज्य के उद्योगों को कोयला प्रदाय के लिए SECL को राज्य नोडल एजेंसी से शीघ्र अनुबंध तथा कोयला आबंटन करने के निर्देश दें.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिये हावड़ा-मुम्बई ट्रेन रूट जीवन रेखा की तरह है, परन्तु इस वर्ष रेलवे द्वारा समय-समय पर बहुत अधिक संख्या में यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद किया जाता रहा है. इससे मध्यम एवं निम्न वर्ग के लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है. उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि भविष्य में प्रदेश में पर्याप्त और समुचित वैकल्पिक व्यवस्था के बिना ट्रेनों को निरस्त नहीं करने के संबंध में संबंधितों को आदेश देने की कृपा करें.