शिवम मिश्रा, रायपुर. दो दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब इस आयोजन के बारे में सोचा तो मन में कुछ शंकाएं थी, डर था कि कैसे होगा. इसमें सबका साथ मिला और हमने यह आयोजन किया. उसका परिणाम यह है कि 25 राज्य, 3 केंद्र शासित प्रदेश और 6 देश के लोग यहां आए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुबह 9 बजे से यहां भीड़ रहती है. ठंड के बावजूद आप लोगों का साथ मिला है. भूपेश बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में रातभर जागकर नाचा देखने की परंपरा रही है. यहां कला और संस्कृति को हमेशा सम्मान मिलता आया है. भूपेश बघेल ने बताया कि ऐसा कोई युग नहीं जिसमें छत्तीसगढ़ का जिक्र नहीं है. माता कौशल्या का नौनिहाल है. भगवान राम वनवास काल का सबसे ज्यादा समय यही पर गुजरा है.

पिछले 15 साल से हमने देखा कि जब प्रदेश में नक्सली घटना होती थी, तभी नेशनल न्यूज़ पर छत्तीसगढ़ आता था, लेकिन अब एक साल में हम जाने जाते हैं तो सबसे ज्यादा धान का समर्थन मूल्य देने वाले राज्य के रूप में. पूरे विश्व में हम सर्वाधिक समर्थन मूल्य दे रहे हैं. यह कार्यक्रम संस्कृति के छंटा की रोशनी है. आज न केवल देश में बल्कि शरहद पार भी लोग छत्तीसगढ़ का नाम ले रहे हैं. यही एक साल का बदलाव है.

भूपेश बघेल ने अधिकारियों की जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए अधिकारियों ने बहुत मेहनत की है. बहुत अच्छी व्यवस्था रही. इसके लिए सभी को बहुत-बहुत बधाई.

महोत्सव में इन राज्यों को मिला सम्मान

वैवाहिक अवसर पर नृत्य

हिमाचल प्रदेश को सांत्वना पुरस्कार 25 हजार रुपए

लदाख को तीसरा संयुक्त 2 लाख रुपए

सिक्किम को दूसरा संयुक्त पुरस्कार 3 लाख रुपए

दूसरा पुरस्कार झारखण्ड को 3 लाख रुपए

प्रथम पुरस्कार छत्तीसगढ़ को 5 लाख रुपए

पारंपरिक और अनुष्ठान में

सांत्वना पुरस्कार मप्र

इसी वर्ग में तृतीय पुरस्कार झारखंड और आंध्र प्रदेश संयुक्त

ओडिशा को प्रथम पुरस्कार

फसल कटाई और कृषि वर्ग में

सांत्वना पुरस्कार तेलंगाना

तृतीय संयुक्त रूप से त्रिपुरा और तमिलनाडु

दूसरा पुरस्कार महाराष्ट्र

दूसरा पुरुस्कार यूपी को

प्रथम पुरुस्कार बिहार को

अन्य सांस्कृतिक वर्ग में

सांत्वना पुरस्कार अरुणाचल प्रदेश को 25 हजार रुपए

इसी वर्ग में तृतीय पुरुस्कार संयुक्त रूप से गुजरात को 2-2 लाख रुपए

इसी वर्ग में दूसरा पुरुस्कार हिमाचल प्रदेश को 3 लाख रुपए

अन्य सांस्कृतिक वर्ग में सांत्वना पुरस्कार अरुणाचल प्रदेश को 25 हजार रुपए

इसी वर्ग में तृतीय पुरुस्कार संयुक्त रूप से गुजरात को 2-2 लाख रुपए

इसी वर्ग में दूसरा पुरुस्कार हिमाचल प्रदेश को 3 लाख रुपए

इसी वर्ग में पथम पुरुस्कार उत्तराखंड को 5 लाख रुपए

कुल 41 लाख रुपए के पुरस्कार दिए गए.