नेहा केसरवानी, रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली के उत्साह के बीच गौमूत्र बेचकर देश की अपनी तरह की पहली और अनूठी गौमूत्र खरीदी योजना की शुरुआत की. मुख्यमंत्री बघेल ने निधि स्व-सहायता समूह, चंदखुरी को 5 लीटर गौमूत्र बेचकर 20 रुपए प्राप्त किए. बोहनी के तौर पर प्राप्त रकम को मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराया जाएगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि गौमूत्र से दो प्रकार के खाद – जीवामृत और ब्रम्हास्त्र बनाए जाएंगे. जैविक खाद को आगे बढ़ाएंगे. एक दिन हमारा प्रदेश जैविक प्रदेश कहलाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी बेटी और बहन होशियार होती जा रही हैं. गौमाता, धरतीमाता की पूजा हम करते हैं. अक्ति के दिन हमने माटी पूजन का कार्यक्रम रखा था. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि गोबर खरीदी की शुरुआत के बाद भाजपा का दिमाग खराब हो गया हैं. उन्होंने बताया कि गोबर से 150 करोड़ की आमदनी हुई, और सब मिलकर गौठानों से 300 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं.

मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हरेली तिहार उत्सव में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, मंत्री कवासी लखमा, अनिला भेंडिया, महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक के अलावा बड़ी संख्या में किसानों और स्व-सहायता समूह की बहनें जुटी हैं. आयोजन के लिए मुख्यमंत्री आवास को ग्रामीण परिवेश में सजाया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने परिवार के साथ हरेली पूजा कर आयोजन की शुरुआत की.

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