रायपुर. सीएम भूपेश बघेल ने शुक्रवार को विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी. उन्होंने बीजेपी पर अलग-अलग मुद्दो के लेकर निशाना साधा. इसके अलावा सीएम भूपेश ने पूर्व सीएम रमन सिंह पर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह की दिमागी हालत ठीक नहीं है. वे दिग भ्रमित हो गए हैं. उम्र का असर हो गया है. इस कारण से मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं. उनका कोई भविष्य दिखाई नहीं दे रहा.

वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के जलियांवाला बाग वाले बयान को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्भाग्यजनक बताया है. उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग की बात अरुण साव कह रहे थे मतलब उनके दिमाग में है. पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे थे, लेकिन वे लोग कराना चाहते थे. पूरा वीडियो देखेंगे तो सबसे ज्यादा आक्रमक, उत्तेजित बीजेपी वाले थे. पुलिसकर्मियों को ज्यादा चोट आई है.

बयान से हतप्रभ हूं- सीएम

सीएम ने कहा कि नारायणपुर और कवर्धा में किस प्रकार से मामला हुआ ? बीजेपी का मकसद आवास नहीं था, लॉ एंड ऑर्डर को कैसे खराब करना चाहते हैं इसलिए जलियांवाला बाग को याद कर रहे हैं. अंग्रेजों ने बहुत बर्बरता की थी और उसी को मानने वाले ये लोग हैं. इसलिए इस तरह के बयान दिए हैं. मैं बहुत हतप्रभ हूं जिस प्रकार से उन्होंने बयान दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री आवास के मामले में बार-बार ट्वीट करते हैं. 16 लाख हैं, 16 लाख आवास के आवेदन हमें दें. जब भी कोई धरना प्रदर्शन होता है तो ज्ञापन दिया जाता है. जनगणना नहीं होने के कारण गरीब लोग उसका भुगतना भोग रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी क्यों मौन है?

सीएम ने बताया कि विधायक पुन्नूलाल मोहले ने कहा जो सर्वे होगा उससे हम सहमत हैं. उसके अलावा उनके पास कोई रास्ता बचा नहीं है. नए हितग्राहियों को भी सरकार मकान देगी. जनगणना के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखा गया. उस पर बीजेपी के नेताओं ने कुछ नहीं कहा. बीजेपी पर सवाल उठाते हुए सीएम ने कहा कि क्या भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष पुन्नूलाल मोहले के बयान से सहमत हैं ? सरकार नया सर्वे जो करा रही है उससे सहमत हैं ? जिस तरह से बयान दिया गया उसकी मैं निंदा करता हूं.

पहली बार सत्ता पक्ष कर रहा हंगामा- सीएम

लंदन में राहुल गांधी के दिए बयान पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पहली बार हो रहा है कि संसद में सत्ता पक्ष हंगामा कर रहा है. ऐसा लोकसभा में पहली बार देख रहे हैं. विपक्ष पर आरोप लगता था कि विपक्ष सदन चलने नहीं दे रहा है. पहली बार ऐसा हो रहा है कि सत्ता पक्ष सदन चलने नहीं दे रहा है. अडानी के मामले में जवाब नहीं देना है इसलिए राहुल गांधी के द्वारा विदेश में जो भाषण दिया गया उसको मुद्दा बनाया जा रहा है. इसके पहले प्रधानमंत्री विदेश यात्रा में थे तब उन्होंने कहा था भारत में जन्म लेना दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे ज्यादा कोई खराब बयान नहीं हो सकता. भारत में जन्म लेना हम सबके लिए सौभाग्य है. नक्सल उन्मूलन को लेकर सीएम ने कहा कि आज नीति को कैबिनेट में पास किया गया है. पुरानी जो नीति थी उसमें काफी सुधार किया गया है.

‘जिन लोगों ने चिटफंड कार्यालय का उद्घाटन किया वही सवाल कर रहे’

विपक्ष द्वारा शून्यकाल में चिटफंड कंपनियों पर मामला उठाए जाने पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि विपक्ष ने स्थगन इस मामले में लाया था. लेकिन दुर्भाग्यजनक बात है जिन लोगों ने चिटफंड कंपनियों के कार्यालय खुलवाए, जिन लोगों ने रोजगार मेला लगाकर नौजवानों को सर्टिफिकेट दिया, वे लोग आज सवाल कर रहे हैं. उन्हीं के कार्यकाल में शुरू हुआ और लोगों ने पैसे लगाए. तत्कालीन मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्य तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री सब लोगों ने कार्यालय का उद्घाटन किया. इसी को देखकर सभी लोगों ने पैसा लगाया. पैसा डूब गया. सहारा इंडिया तो पूरे देश में है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पर वहां एक कमेटी बनाई है. लेकिन आज तक न भारत सरकार पैसा वापस करा पाई है ना कोई राज्य वापस करा पाया है. केवल छत्तीसगढ़ है जो सैकड़ों डायरेक्टरों को जेल के पीछे भेज दिया है. दूसरा उनके संपत्तियों को कुर्क करके उन पैसों को उनके मालिकों को वापस कर चुके हैं. यह प्रक्रिया लगातार जारी है. लेकिन इस गति से मैं भी संतुष्ट नहीं हूं. क्योंकि छत्तीसगढ़ के बाहर भी इसकी संपत्ति है, मनी लांड्रिंग का केस है. इसीलिए हम कहते हैं ईडी को इससे बढ़िया केस कोई दूसरा नहीं मिलेगा. लेकिन डायरेक्टर स्वीकार नहीं कर रहा. मैंने आईडी के डायरेक्टर को पत्र भी लिखा, एचएम को भी चिट्ठी लिखा, लेकिन वे लोग स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

सीएम ने कहा कि ये गरीब आम जनता का पैसा है. किसान, मजदूर गांव, शहर, मध्यमवर्ग, निम्न आय वर्ग के लोगों ने पैसा डाला है. हजारों करोड़ रुपये लेकर भागे हैं. ये पैसा वापस आना चाहिए. लेकिन अब इनको शर्म भी नहीं आती है. अनमोल इंडिया के मामले में आप तो पूर्व राज्यसभा सांसद बेल में हैं. कोर्ट के आदेश पर एफआईआर हुई थी, कम से कम पूर्व मुख्यमंत्री उसी पैसे को वापस करा दें.