रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ग्रामीणों से गांवों में ज्यादा से ज्यादा फलदार वृक्ष लगाने और उनकी अच्छी देखभाल करने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि पहले गांव के खार में हिरण और साम्भर जैसे वन्य प्राणी आ जाते थे, अब जंगल कम होने से वन्य प्राणियों को देखने के लिए जंगल सफारी जाना पड़ता है.सीएम डॉ. रमन सिंह आज अपने निवास परिसर में राज्य सरकार की ‘हमर छत्तीसगढ़’ योजना के तहत राजधानी रायपुर और नया रायपुर के दौरे पर आए संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के 381 सदस्यों को सम्बोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों की रक्षा के साथ-साथ हमें नये वनरोपण पर भी ध्यान देना होगा.

सीएम ने कहा कि इस वर्ष हरियर छत्तीसगढ़ अभियान में प्रदेश में सात करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. गांव की खाली जमीन पर वृक्षारोपण किया जाना चाहिए.पौधों के साथ फेंसिंग के लिए मदद दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने अपने निवास में कोरबा, सूरजपुर, कांकेर, बिलासपुर और सुकमा जिलों की संयुक्त वन प्रबंधन समितियों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया.

मुख्यमंत्री ने बताया कि विकास यात्रा के दूसरे चरण में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 608 करोड़ रूपए का बोनस वितरित किया जाएगा.बोनस की राशि के रूप में कोरबा जिले में 29 करोड़ रूपए, सूरजपुर जिले में 34 करोड़ रूपए, सुकमा जिले में 39 करोड़ रूपए, बिलासपुर जिले में 13 करोड़ रूपए और कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर वनमंडल में 49 करोड़ रूपए का वितरण किया जाएगा. विकास यात्रा के दौरान लगभग 12 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुकाएं भी वितरित की जाएंगी. उन्होंने यह भी बताया कि तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर 450 रूपए से क्रमशः बढ़ाकर वर्तमान में 2500 रूपए प्रति मानक बोरा कर दी गई है. मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना, धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अनेक योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हमर छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत अब तक पंचायती राज संस्थाओं और सहकारी समितियों के एक लाख 50 हजार से अधिक प्रतिनिधि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के दौरे पर आ चुके हैं.

इस मौके पर वन मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि तेन्दूपत्ता और वनोपज वनवासियों के जीवन का आधार है. तेन्दूपत्ता संग्रहण की मजदूरी और तेन्दूपत्ता बोनस के साथ वनवासियों को अनेक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है,जिनमें तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए बीमा योजना, बच्चों की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति योजना के साथ बच्चों की नर्सिंग, इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई की फीस भी दी जा रही है. संयुक्त वन प्रबंधन समिति के सदस्य वनवासी समिति से मछलीपालन, कुक्कुट पालन, सवारी वाहन, जैसे व्यवसायों के लिए ऋण की सुविधा भी ले सकते हैं. इस अवसर पर पूर्व विधायक बैदूराम कश्यप, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संचालक तारन प्रकाश सिन्हा, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक के. मुरूगन और एस.एस. बजाज सहित समितियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.