रायपुर। राहुल गांधी के दौरे पर भाजपा के विरोध पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया है. उन्होंने कहा कि स्पष्ट होना चाहिए कि क्या वे राजीव गांधी युवा मितान क्लब का विरोध कर रहे हैं? क्या भूमिहीन मजदूरों को सालाना ₹6000 दिए जाने का विरोध कर रहे हैं? क्या वे समर्थन मूल्य पर एक करोड़ मीट्रिक टन धान खरीदी का विरोध कर रहे हैं? असहमति का पूरा सम्मान है, लेकिन केवल विरोध के लिए विरोध नहीं होना चाहिए.

राजनांदगांव और पाटन दौरे पर रवाना हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा की. उन्होंने राहुल गांधी के दौरे पर आंदोलन कर रहे किसानों हंगामे पर कहा सरकार बात करने को तैयार है. मंत्री-अधिकारियों से बैठक हुई है. मंत्रिमंडल की समिति फैसला लेगी. मुझसे भी कल बात हुई है, लेकिन जिस तरह से एयरपोर्ट में घुसने की कोशिश की गई, वो गलत है. गांधीवादी तरीके से अपनी बात रख सकते हैं. मिलने से कभी मना नहीं किया गया.

केंद्र सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. चाहे 15 लाख रुपए देने की बात हो, 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात हो, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात हो. केवल लोगों को दिवास्वप्न दिखाने का काम मोदी और उनकी पूरी टीम ने किया है. जिस प्रकार से नौजवान बिहार और उत्तर प्रदेश में लाठी खा रहे हैं. आज जो देश की शक्ति है, हमारे लिए समस्या बनती जा रही है, यह हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है.

पंजाब में मुख्यमंत्री चन्नी के भतीजे के घर ईडी की छापेमारी पर मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि जिस तरह से क्रिकेट में कहा जाता है कि केवल ग्यारह खिलाड़ी नहीं अंपायर भी खेलते हैं, उसी तरह से भाजपा अकेले चुनाव नहीं लड़ती कभी, वो ईडी, आईटी, सीबीआई, डीआरआई ये सारे लोग लड़ते हैं. चुनाव खत्म होने के बाद दूसरे चुनाव वाले राज्य में सक्रिय हो जाते हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी करते वक्त कहा था कि नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा, आतंकवाद समाप्त हो जाएगा, और सबसे ब़ड़ी बात कही थी कि कालाधन समाप्त हो जाएगा. ऐसे में मोदी सरकार स्वीकार करे कि कालाधन समाप्ति की जो बात कही थी, वह गलत है. यदि कालाधन है, तो नोटबंदी गलत है स्वीकार करना होगा. और अगर नोटबंदी के कारण कालाधन समाप्त हो गया तो अब कहां से आ रहा है. दोनों बातों में विरोधाभाष है.