अजयारविंद नामदेव, शहडोल। एक ओर सरकार नदियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर शहडोल जिले में रेत ठेकेदार नई रेत नीति का उल्लंघन कर नदियों का स्वरूप बदल रहे हैं. नदी के बीचों बीच सड़क बनाकर निर्धारित स्थल से रेत न निकाल कर दूसरी जगहों से मशीन के द्वारा रेत खनन किया जा रहा हैं.

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आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र शहडोल जिले में लगभग 50 रेत खदान स्वीकृत है जिले में वंशिका कंपनी ने ठेका लिया है. कंपनी के द्वारा कुछ रेत खदानों में नियमविरुद्ध तरीके से नदी के बीचों बीच सड़क बनाकर रेत निकाली जा रही है. नदी की धार के बीच मशीन से रेत उत्खनन किया जा रहा है, इतना ही नहीं निर्धारित जगह से रेत न निकलकर अन्यत्र जगह से रेत निकाल रहे हैं.  दिनदहाड़े नदी के भीतर हैवी मशीनों के साथ बड़े-बड़े वाहन उतारे जा रहे हैं. रेत माफिया ने नदी के बहाव का रास्ता भी बदल दिया है. मामले में कई अधिकारियों से खनन कारोबारियों की सांठगांठ है. जिससे कार्रवाई नहीं हो रही है.

नई रेत नीति के अनुसार 5 सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाली रेत खदानो में मशीन का उपयोग किया जा सकता है, उससे कम क्षेत्रफल वाली रेत खदान पर मशीन पूर्णतः प्रतिबंधित है, बाबजूद इसके वंशिका कंपनी के द्वारा चाका खदान खसरा नंबर 853/ 1317 में 2.023 हेक्टेयर की रेत खदान है, जिसमें मशीन का उपयोग कर  रेत उत्खनन किया जा रहा है.

वहीं इस पूरे मामले में खनिज अधिकारी प्रमोद शर्मा रेत ठेकेदारों की इस करतूत पर पर्दा डालते हुए उनका बचाव किया है. उन्होंने कहा कि उनके माइनिंग प्लान में लाइट एक्सयुवेटर की अनुमति है.

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