रायपुर- झीरम घाटी नक्सल हमले मामले में पीसीसी चीफ भूपेश बघेल के उस पत्र पर मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने जवाब दिया है, जिसमें बघेल ने नक्सल हमले में साजिशकर्ताओं को बचाने का आऱोप रमन सरकार पर लगाया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिस वक्त घटना घटी उस वक्त केंद्र में यूपीए की सरकार थी. मैं उस वक्त भी कहता था और आज भी कह रहा हूं कि यदि कोई तथ्य कांग्रेस नेताओं के पास हैं, तो क्या जेब में रखने के लिए है ? क्या उसे जेब में ही रखे रहेंगे ?
डाॅ.रमन सिंह ने भूपेश बघेल पर तंज कसते हुए कहा कि यूपीए की सरकार ने ही एनआईए जांच शुरू कराई थी. तब उनको ध्यान नहीं आया कि घटना से जुड़े साक्ष्य या कोई जानकारी जांच एजेंसी को दी जानी चाहिए. क्या उस वक्त साक्ष्य जेब में रखकर चल रहे थे. उन्होंने कहा कि यदि कोई दस्तावेज थे, तो यह भी अपराध के दायरे में आता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल उठाने वाले देर से जागे हैं, यदि अभी भी कोई अहम जानकारी, साक्ष्य या दस्तावेज देना है, तो जांच एजेंसी को जाकर दे दें.
गौरतलब है कि पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने आज मुख्यमंत्री को भेजे गए अपने पत्र में झीरम घाटी नक्सल हमले को लेकर कई सवाल उठाया था. बघेल ने यह भी कहा था कि अपराधिक षडयंत्र की जांच एनआईए की टर्म आफ रेफरेंस में नहीं है, लिहाजा एनआईए अपराधिक षडयंत्र की जांच नहीं कर सकती.