कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज ऐतिहासिक ग्वालियर दुर्ग पर पहुंचे. जहां गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ पर उन्होंने मत्था टेककर गुरु हरगोबिंद साहिब को नमन किया. दाता बंदी छोड़ के 400 साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ग्वालियर किले पर स्थित गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ पर महोत्सव मनाया जा रहा है.

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महोत्सव में देश-विदेश से सिक्ख श्रद्धालु अरदास करने भी आ रहे हैं. इससे पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी गुरुद्वारा पहुंचे थे. हालांकि आज सीएम शिवराज सिंह का गुरुद्वारा में दर्शन के साथ लंगर खाने और प्रदर्शनी निरीक्षण का भी कार्यक्रम था, लेकिन समय की व्यस्तता के चलते सीएम दर्शन करने के बाद रवाना हो गए.

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गौरतलब है कि गुरु हरगोबिंद साहिब को मुगल बादशाह जहांगीर ने ग्वालियर किले में कैद कर रखा था. कहा जाता है एक फकीर की सलाह पर जहांगीर ने गुरु हरगोबिंद जी को रिहा करने का हुक्म जारी किया. लेकिन गुरु साहिब ने यह कह कर रिहा होने से इनकार कर दिया कि हमारे साथ कैद 52 राजा रिहा किए जाएंगे तभी हम बाहर आएंगे. इस पर जहांगीर ने शर्त रखी कि जितने राजा गुरु हरगोविंद साहिब का दामन थाम कर बाहर आ सकेंगे वे रिहा कर दिए जाएंगे.

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बादशाह को लग रहा था कि 52 राजा इस तरह बाहर नहीं आ पाएंगे लेकिन दूरदृष्टि रखने वाले गुरु साहिब ने कैदी राजाओं को रिहा करवाने के लिए 52 कलियों का अंगरखा सिलवाया. गुरु जी ने उस अंगरखे को पहना और हर कली के छोर को 52 राजाओं ने पकड़ लिया. इस तरह सभी राजा गुरु गोबिंद साहिब के रिहा हो गए. गुरु हरगोविंद साहिब को इसी वजह से दाता बंदी छोड़ कहा गया. गुरुजी के रिहा होने की याद में हर साल दाता बंदी छोड़ दिवस मनाया जाता है. इस साल 400वां दिवस मनाया जा रहा है. ऐतिहासिक ग्वालियर किले पर गुरुद्वारे की स्थापना कि गई है, जो दुनियाभर में गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ के नाम से विख्यात है.

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