शब्बीर अहमद,भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्लॉग लिखा है. जिसमें स्वर कोकिला लता मंगेशकर से जुड़ी स्मृतियों का जिक्र किया है. मुख्यमंत्री शिवराज ने लिखा है कि लता दीदी का जाना विश्व संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है. मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है. वर्ष 2017 में मैंने नर्मदा सेवा यात्रा और पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को संदेश पहुंचाने का आग्रह किया था.

सीएम शिवराज ने आगे लिखा है कि नर्मदा सेवा यात्रा को लेकर करीब 20 मिनट फोन पर लता मंगेशकर से बातचीत हुई थी. नर्मदा सेवा यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की. प्रयासों की प्रशंसा की थी. बातचीत के दौरान मध्यप्रदेश और नर्मदा नदी को लेकर लता दीदी भावुक हो गईं थीं. उन्होंने कहा था कि नर्मदा यात्रा में शामिल होने की बहुत इच्छा रखती हूं, लेकिन स्वास्थ्य मुझे इस बात की अनुमति नहीं दे रहा है. लता दीदी ने पर्यावरण संरक्षण और मां नर्मदा की सेवा करने के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया.

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ब्लॉग में कहा है कि उनकी वाणी और शब्दों में जो अपनापन और स्नेहभाव था वह मैं कभी भूल नहीं सकता हूं. उनकी आत्मीयता का वह अहसास मेरे लिए एक अमूल्य निधि हैं. लता दीदी मध्यप्रदेश की बेटी थीं. मध्यप्रदेश उनकी कर्मभूमि भले ही नहीं रहा, लेकिन उनका दिल हमेशा मध्यप्रदेश के लिए धड़कता था. लता दीदी को मां सरस्वती का वरदान प्राप्त था. एक महान सुर-साधक होने के साथ ही महान राष्ट्रभक्त लता दीदी थीं.

आगे लिखा है कि लता मंगेशकर की राष्ट्रभक्ति, उनकी स्वर-साधना में हमेशा मुखरित होती रही. लता दीदी के बिना ये देश सूना है. देश के गीत और संगीत सूने हैं, हर घर सूना है. ह्रदय घट सूना है. दीदी की कमी कभी कोई पूरा नहीं कर सकता है. दीदी को गीत-संगीत की देवी मानकर दुनिया हमेशा पूजा करती रहेगी. लता दीदी भले ही हमारे बीच से चली गई, लेकिन अपने गाये हुये हजारों गानों के माध्यम से दुनिया के दिलों में राज करती रहेंगी.

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