कोरबा। राज्य में मौजूद प्राकृतिक संसाधनों का अवैध उत्खनन और बेजा खरीद फरोख्त को रोकने प्रदेश सरकार ने एक वेव पोर्टल बनाया है ताकि हर तरह की जानकारी पूरी पारदर्शिता से सामने आए। कई खनिजों के परिवहन पर नजर रखने के बाद अब जल्द ही काले हीरे की कालाबाजारी पर भी अंकुश लगाने की तैयारी है। यह काम महज दो-तीन दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।

हालाकि पूरे प्रदेश में इस पोर्टल पर काम शुरू हो चुका है, बावजूद जिस खनिज से पूरा राज्य मालामाल होता रहा है उन कोयले की खदानों में उत्खनन और परिवहन को अब तक इस पोर्टल से नहीं जोडा जा सका। बताया जा रहा है कि आगामी दो तीन दिनों के भीतर खनिज आॅन लाईन नाम के इस पोर्टल से कोरबा की कोयला खदानों को भी जोड़ दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा बनाए गए इस पोर्टल का मकसद खनिजों के अवैध उत्खनन और दोहन के अलावा अवैध परिवहन को रोकना है। खदानों से निकलने वाले खनिजों की मात्रा, उपलब्धता के अलावा खनिज परिवहन करने के लिये उन्ही गाडियों को स्वीकृति दी जाएगी जिनका आॅन लाईन रजिस्ट्रेशन हो और उनमें जीपीएस सिस्टम लगा हो।

कोरबा के जिला खनिज अधिकारी डाॅ. दिनेश कुमार मिश्रा ने बताया कि इस सिस्टम से कोयले के अवैध कारोबार पर काफी हद तक अंकुश लगेगा। अब तक जिले की खदानों का कोयला राज्य के बाहर ऐसे उद्योगों के नाम पर फर्जी तरीके से बेचा जाता रहा, जिनका कोई अस्त्वि ही नहीं था। वहीं परिवहन करने वाली गाडियों और उनके मालिको ंकी भी जानकारी नहीं मिल पाती थी। ऐसे में पूरी जानकारी आॅन लाईन होने से खदानों सहित गाडी मालिको सहित आपूर्तिकर्ताओं व खरीदने वालों को अब पल-पल की जानकारी मिलती रहेगी।