रायपुर. मुख्य सचिव सुनील कुजूर और केंद्रीय कोयला सचिव सुमंत चौधरी की उपस्थिति में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में कोल ब्लॉकों के उत्पादन की समीक्षा के लिए 15वीं मॉनिटिरिंग समिति की बैठक हुई. जिसमें नवम्बर 2019 तक कोयला उत्पादन के लिए जरूरी सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर लेने और कोयले का उत्पादन प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं.
समीक्षा बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में कोयले का उत्पादन कर रहे और कोयले का उत्पादन शुरू करने वाले कम्पनियों के साथ कोयला उत्पादन के प्रगति के विषय में विस्तार से चर्चा की गई. राज्य में स्थित 14 विभिन्न कोयला खदानों में कोयले के उत्पादन के लिए जरूरी पर्यावरण-वन विभाग की अनुमति, ग्राम सभाओं एवं जन सुनवाई का आयोजन, प्रभावितों को मुआवजा वितरण एवं रोजगार आदि के विषय में विस्तार से समीक्षा की गई.
बैठक में मुख्य रूप से गारे-पलमा सेक्टर-1,2,3, गीधमुरी-पतुरिया,परसा, मदनपुर साउथ, तलाईपाली, गारे-पलमा-4, गारे-पलमा-5, गारे-पलमा-8, परसा ईस्ट-काटा बासन, चोटिया, केरवा, केंटे एक्सटेंसन, बनाई, भालूमुड़ा कोयला खदानों में उत्पादन के लिए संबंधित जिलों के कलेक्टरों और वन परिक्षेत्राधिकारी के साथ वीडियों कॉन्फेंसिंग के माध्यम से वस्तुस्थिति की जानकारी ली गई. ये सभी कोयला खदान रायगढ़, कोरबा, सरगुजा, जशपुर जिले में स्थित हैं.
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग मनोज पिंगवा, प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, सचिव राजस्व एन.के.खाखा, विशेष सचिव खनिज अन्बलगन पी. सहित महाराष्ट्र स्टेट पॉवर जनरेश कम्पनी, गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कार्पोरेशन लिमिटेड, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कम्पनी, राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम, आन्ध्रप्रदेश मिनिरल डेव्प्लमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड, एन.टी.पी.सी. लिमिटेड, हिन्डाल्कों इनड्रस्ट्रीज लिमिटेड, अम्बुजा सीमेंट लिमिटेड, बालको लिमिटेड के प्रतिनिधि उपस्थित थे.