जगदलपुर। राजनांदगांव के देवड़ा सेंट्रल इंडिया कॉलेज ऑफ नर्सिंग में पढ़ रहीं जगदलपुर की 6 छात्राएं परीक्षा देने से वंचित हो सकती हैं. ये छात्राएं दरभा ब्लॉक के पैदावाड़ा गांव की हैं. ऐसे में उनके भविष्य पर संकट गहरा गया है.

दरअसल नक्सल प्रभावित इलाके के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने को कहा गया था. जगदलपुर के पैदावाड़ा गांव में CRPF द्वारा आयोजित सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत इसी गांव की 6 युवतियों को राजनांदगांव के देवड़ा सेंट्रल इंडिया कॉलेज ऑफ नर्सिंग में एडमिशन दिया गया था. तत्कालीन कलेक्टर अमित कटारिया ने इन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी पढ़ाई निःशुल्क कराई जाएगी. युवतियों को 25 हजार रुपए का चेक देकर एक साल पहले उनका दाखिला भी कराया गया. लेकिन अब उन्हें बाकी फीस जमा करने को कहा जा रहा है. छात्राओं को कहा गया है कि फीस के बिना वे परीक्षा फॉर्म नहीं भर सकतीं.

सालभर कॉलेज में पढ़ाई कर चुकी छात्राएं फीस के लिए परेशान हैं. इसे लेकर आदिवासी छात्रा गायत्री कश्यप ने जगदलपुर के एसपी को आवेदन दिया है और मामला सुलझाने के लिए कहा है.

छात्रा गायत्री कश्यप का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन ने फर्स्ट ईयर की फीस 75 हजार रुपए बाकी है. 25 हजार रुपए तत्कालीन कलेक्टर अमित कटारिया ने जमा कराया था. वहीं सेकेंड ईयर की फीस 1 लाख 1 हजार रुपए है. उसने कहा कि 2 महीने के बाद परीक्षा है और कॉलेज प्रबंधन ने उसे फीस के बिना निकाल दिया है. उसने कहा कि उसे निःशुल्क नर्सिंग की ट्रेनिंग देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अभी पढ़ाई के 2 साल बचे हुए हैं. ऐसे में उनका भविष्य अधर में है.