शरद पाठक, छिंदवाड़ा। दो मासूम बच्ची शहीद स्मारक में पढ़ाई के लिए हाथों में विनती लिखे शब्दों के साथ सरकार से अपील कर रही है कि हमें आगे पढ़ना है।

दरअसल पातालेश्वर इलाके के एक निजी स्कूल में वे अब तक पढ़ती थी, लेकिन कोविड-19 में उनके पिता का निधन हो गया, जिसके बाद घर की आर्थिक स्थिति डगमगा गई। बच्चियों की मां उन्हें सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहती है लेकिन निजी पब्लिक स्कूल की 35 हजार रुपये फीस बकाया होने की वजह से टीसी नहीं दे रहा है। दो भांजियों ने एमपी के सीएम शिवराज मामा से करुण पुकार लगा रही है।

पातालेश्वर इलाके की रहने वाली माया माहोरे की दो बेटियां हैं। एक पांचवी और एक दूसरी क्लास में है। कोविड-19 के दौरान पति का निधन हो गया जिसके बाद घर में रोजी रोटी के लाले पड़ गए। मजदूरी कर किसी तरह बच्चों का पेट पाल रही माया अब सब्जी का व्यापार करती है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से निजी स्कूल में पढ़ाना उसके बस में नहीं है। इसलिए सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए निजी पब्लिक स्कूल से टीसी की मांग कर रही है, लेकिन विष्णु पब्लिक स्कूल ने ₹35000 फीस बकाया होने का हवाला देकर टीसी देने से मना कर दिया है।

इसके बाद भी उन्होंने कलेक्टर कार्यालय समेत सरकारी दफ्तरों में आवेदन दिया, लेकिन जब किसी ने उनकी आवाज नहीं सुनी तो मजबूरन वे शहीद स्मारक में बेटियों के साथ धरने पर बैठ गई। बेटियों ने अपने हाथों में मुझे आगे पढ़ना है सरकार हमारी मदद करें ऐसे नारे की तख्ती लेकर बैठी रही। जानकारी लगते ही छिंदवाड़ा तहसीलदार अजय भूषण शुक्ला मौके पर पहुंचे और उन्होंने इस संबंध में शिक्षा विभाग से चर्चा की और बेटी को आगे पढ़ाने का आश्वासन दिया।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus