सीएम अरविंद केजरीवाल ने किया ट्वीट
पिछले 3 साल से दीवाली के समय दिल्ली के प्रदूषण की खतरनाक स्तिथि को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 15, 2021
मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘पिछले साल व्यापारियों द्वारा पटाखों के भंडारण के बाद प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए देर से पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया, जिससे व्यापारियों का नुकसान हुआ था. सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए किसी भी तरह का भंडारण न करें.’’
विंटर एक्शन प्लान पर चर्चा
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर बेहद गंभीर है. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार 10 फोकस बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान बना रही है. आगामी दिनों में विंटर एक्शन प्लान के अनुसार विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके. उन्होंने दिल्ली के निवासियों से अपील करते हुए कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हम सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी. दिल्ली के लोगों की जिंदगी बचाने में हम जितना मदद कर सकते हैं, उतनी हमें करनी चाहिए.
यमुना में इंटरस्टेट पॉल्यूशन रोकने के लिए मास्टर प्लान, केजरीवाल सरकार अपने खर्च पर कराएगी सफाई
दिल्ली में पॉल्यूशन बहुत ज्यादा: NGT
एनजीटी के अनुसार, दिल्ली उस जोन में है, जहां पर प्रदूषण काफी ज्यादा है. इसके अलावा अभी हम कोरोना महामारी का सामना भी कर रहे हैं. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी तरह के पटाखों के भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है.
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब
दिल्ली सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा 01 दिसंबर 2020 को जारी एक निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि जहां पर हवा की गुणवत्ता खराब या बहुत खराब की श्रेणी में है, वहां पर एनजीटी ने कोविड-19 महामारी के दौरान पटाखों के भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा एकत्र किए गए पिछले तीन साल के आंकड़े यह बताते हैं कि हवा की गुणवत्ता के मामले में दिल्ली खराब और उससे ऊपर के प्रदूषण सूचकांक में शामिल है.
MP में राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज होगा अपराध! गृहमंत्री ने कहा- कानूनी विशेषज्ञों से लेंगे राय, ये है मामला
कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका
वहीं, कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है. आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर कभी भी आ सकती है. पिछले साल दिल्ली के अलावा राजस्थान, ओडिशा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और चंडीगढ़ ने पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने सबसे अधिक प्रदूषण वाले 13 जिलों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था.
पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय
पिछले साल दिल्ली सरकार ने कोरोना के मद्देनजर 06 नवंबर 2020 को दिल्ली में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था. यह निर्णय दिवाली से ठीक पहले लिया गया था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने व्यापारियों और डीलरों को पटाखों की बिक्री के लिए अस्थायी लाइसेंस पहले ही जारी कर दिए थे. इससे व्यापारियों और डीलरों को नुकसान हुआ. साथ ही दिल्ली में पटाखों की आसानी से उपलब्धता के कारण लोगों द्वारा पटाखे फोड़ने की कई घटनाएं सामने आईं.
30,570 Infections Logged; Mega Vaccination Announced on Sept 17
दिल्ली सरकार इस बार नहीं चाहती है कि व्यापारियों और डीलरों को किसी तरह का आर्थिक नुकसान हो. ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए समय रहते हर तरह के पटाखों के भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है. साथ ही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले वर्ष की तरह इस साल भी सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री, उपयोग और भंडारण पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया है.
Another Medical Aspirant Commits Suicide; State Initiates Helpline Number
प्रदूषण का बढ़ना लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक
उल्लेखनीय है कि कोरोना के दौरान प्रदूषण का बढ़ना लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए पिछले साल भी सभी तरह के पटाखों को जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था. यह प्रतिबंध 30 नवंबर तक था. इस दौरान किसी भी तरह के पटाखे जलाने पर कार्रवाई की गई थी. 30 नवंबर से बाद भी शर्तों के साथ सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की ही अनुमति दी गई थी.