राकेश चतुर्वेदी/अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्यप्रदेश नगरीय निकाय में महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करने को लेकर राजभवन अध्यादेश भेजने की सूचना सामने आई थी, लेकिन अब बीजेपी ने इससे इनकार कर दिया है. जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने को लेकर अभी तक कोई अध्यादेश राजभवन नहीं भेजा गया है.
इस तरह मप्र में कमलनाथ फार्मूले को लेकर बीजेपी में असमंजस बरकरार है. नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने को लेकर बीजेपी में मंथन जारी है. बीजेपी निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने की पक्षधर है. लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है. कमलनाथ सरकार ने निकाय चुनाव का फार्मूला बदला था.
कमलनाथ सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला लिया था. वर्तमान में कमलनाथ सरकार का फार्मूला लागू है. जिस कारण महापौर औऱ अध्यक्षों को पार्षद चुनते हैं. लेकिन अब शिवराज सरकार निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के मूड में हैं. जिससे महापौर, नगर पालिका और परिषदों के अध्यक्षों को सीधे जनता ही चुनेगी.
बता दें कि पहले मेयर और पार्षद के लिए अलग-अलग वोटिंग होती थी, लेकिन कांग्रेस ने इस व्यवस्था को बदल दिया था. विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने इसका खूब विरोध किया, लेकिन तत्कालीन राज्यपाल ने संवैधानिक व्यवस्था का हवाला देते हुए अध्यादेश और फिर विधेयक की अनुमति दे दी थी.
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